Wednesday, September 26, 2012

हम सबकी माँ.




दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत अरमान है माँ,
खुदा का सबसे बड़ा वरदान है माँ,
जिसके आँचल में छुप कर कर रो लेते है,
जिसकी गोद में सर रख कर सो लेते है ,
रहते ख़ामोश है पर सबकुछ जान लेती है माँ ,
एक अनकहे शब्दों कि पहेली है माँ .
दूर रह कर भी ममत्व का एहसास देती है ,
दिलो में पल रही हरकतों को पल में जान लेती है ,
एक ऐसे ही अटूट विश्वास की पहेली है माँ .
अमित, अजन्मे रिश्तों की तहरीर है माँ .
पल में बिगड़ती है तो पल में हँसा देती है,
हर पल माँ की ममता एक रूप नया लेती है,
निश्छल मन और सादगी की पहचान है माँ.
ख़ुदा का सबसे अनमोल वरदान है माँ.
हाँ यही तो है मेरी माँ, तुम्हारी माँ, हम सबकी माँ.

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