Wednesday, September 26, 2012

मां ही चारों धाम




किसी की खातिर अल्ला होगा, किसी की खातिर राम,
लेकिन अपनी खातिर तो है, मां ही चारों धाम
... पर एक दौर ऐसा आया कि मां कहीं खो गई। नजरों और दिल नेे उसे बहुत खोजा पर वह मिल न सकी। शायद वह दूर जा चुकी थी, दूर, बहुत दूर, इतनी दूर की शायद ही कभी उससे मुलाकात होगी। उसके खोने के बाद अहसास हुआ कि जिंदगी इतनी आसान नहीं होती, उसके जाने के बाद मालूम पड़ा कि वही तो थी जो मुझे महफूज रखती थी, वही तो थी जो मुझे दुनिया की बेदर्दी से दूर रखती थी।
जो मां के बाद अनाथ हो गए वे अपने विचार लिखें... 

हम सबकी माँ.




दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत अरमान है माँ,
खुदा का सबसे बड़ा वरदान है माँ,
जिसके आँचल में छुप कर कर रो लेते है,
जिसकी गोद में सर रख कर सो लेते है ,
रहते ख़ामोश है पर सबकुछ जान लेती है माँ ,
एक अनकहे शब्दों कि पहेली है माँ .
दूर रह कर भी ममत्व का एहसास देती है ,
दिलो में पल रही हरकतों को पल में जान लेती है ,
एक ऐसे ही अटूट विश्वास की पहेली है माँ .
अमित, अजन्मे रिश्तों की तहरीर है माँ .
पल में बिगड़ती है तो पल में हँसा देती है,
हर पल माँ की ममता एक रूप नया लेती है,
निश्छल मन और सादगी की पहचान है माँ.
ख़ुदा का सबसे अनमोल वरदान है माँ.
हाँ यही तो है मेरी माँ, तुम्हारी माँ, हम सबकी माँ.

आपराधिक बलात्कार





मैं एक औरत हूं
मेरा रोज़ बलात्कार किया जाता है
बलात्कार सिर्फ वो नहीं है
जो अंग विच्छेदन पर हो

बलात्कार सिर्फ वो भी नही है
जब कपड़ों को तार तार करके कई लोग जानवरों के समान
मेरा मांस नोचते हैं
वो तो अपराध भी होता है
यह बात जानते हुए, अब मेरा बलात्कार
दूसरी तरह से किया जाता है
यह बलात्कार हर दिन होता है
भीड़ में होता है, समाज के सामने होता है
कई बार समाज खुद इसमें शरीक भी हो जाता है
इसमें मेरे कपड़े तार -तार नहीं होते
कई निगाहें रो़ज़ मुझे इस तरह घूरती हैं कि
वो कपड़ो को भेदती चली जाती हैं, और मैं सबके सामने
खुद को नंगा खड़ा पाती हूं
कई बार बातों से भी मेरी अस्मिता लूटी जाती है और
धृतराष्ट्र समाज के सामने द्रोपदी बनी मेरी आत्मा
मदद की गुहार लगाती रहती है,
अपने हाथों से अपने बदन को ढांकती
मेरी आत्मा ज़ुबान से आवाज़ नहीं निकाल पाती है
ऐसे ही न जाने कितने तरीकों से लुटती मैं रोज़ाना
इन्ही अपराधियों का सामना करती हूं
समाज के शरीफ की श्रेणी में रखे जाने वाले यह लोग
बात बात पर मेरे बदन के स्पर्श का लुत्फ लेते यह लोग
कभी अपराधी नहीं माने जाएगें
क्योंकि यह आपराधिक बलात्कार नहीं

एक अनजानी तलाश





गुमनामी में डूबी पहचान
अस्त हो गया साया
छोड़ अक्स का साथ
तलाश रही खामोश नजरे
अँधेरे में एक लौ की आस
कह रहा मन बेकरार
खुल जाये किस्मत के द्वार
धैर्य की कुंजी अगर लग जाये हाथ
तलाश रही धड़कने
खोयी साँसों के तार
पर बिखर गयी जिन्दगी
ओर गुम हो गयी पहचान II

माँ



मेरा सुख दुख
अपनी कमज़ोर आँखों से पढ़ लेती है
 अपने जोड़ों का दर्द भूल
 मुझे अपने से सटा वह लेती है
सफ़ेद बाल हैं प्रकाशस्तंभ
मेरी कश्ती कभी नहीं डोली
है ध्रुव तारे सी साथ सदा
मैं रास्ता कभी नहीं भूली
पाँव पोंछता रहता है
अब भी उसका उजला आँचल
आज भी मेरे सिर पर है
उसकी दुआओं का गगनान्चल।

मुक्ति एक्सप्रैस



माँ ने लगाया न सीने से
पहचानी पिता ने बेटी नहीं
भैया पुकारती राखी रही
पर कोई कलाई न आगे बढ़ी

 चाची ने तरेर के आँख कहा
क्या रस्ते में न थी कोई नदी
नगर को लौटी नगरवधु
मुक्ति एक्सप्रैस में जो थी क़ैदी


डब डब करती उन आँखों को
स्वागत नज़र न आया कहीं
थीं मानवता से कहीं अधिक
मज़बूत सलाख़ें लोहे की


अब स्वागत होगा साँझ ढले
शान से इन अबलाओं का
ज़ख़्मों पर नमक छिड़कने को
चकलों में जुटेगा फिर मजमा


बेधड़क कलाई बेगाने
थामेंगे बताए बिना रिश्ता
नित गाली, मार और यौन रोग
क्या यही हश्र होगा इनका?

Saturday, September 8, 2012

Forever

Sad SMS
Do kadam to sab chal lete hai par,
Zindagi bhar ka saath koi nahi nibhata,
Agar ro kar bhulai jati yaadein,
To has kar koi gum na chupata…


Dosti

Dosti SMS in Hindi
Dosti naam hai sukh dukh ki kahani ka
Dosti naam hai sada muskurany ka
Ye koi pal bhar ki pehchan nahi
Dosti naam hai sada sath nibhana ka…

Monday, September 3, 2012

हर बरस आती होली


हर बरस आती होली
बस्ती बस्ती घूमती
मस्तों की टोली
लिए हाथ में चंग
बजाते ढोलक और डफली
चलाते रंग भरी पिचकारी
खूब होता नाच गाना
होती हँसी ठिठोली
ऋतू बसंत में
उड़ता अबीर गुलाल
हो जाती सुबह गुलाबी
हर ह्रदय में सजती प्रेम
उमंग की होली
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई
बच्चे बूढ़े और जवान
मनाते मिल कर होली
हर बरस आती होली



Sunday, July 15, 2012

क्या पता कल..

  क्या पता कल..............Who can see tomorrow

आज जो है संग तेरे, उनके साथ जी लो जिन्दगी,
क्या पता कल उनसे कभी, फिर मुलाकात हो कि ना हो....

 शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
क्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...
 मांगना है गर कुछ खुदा से, माँग ले तू आज अभी,
क्या पता कल माँगने जैसे तेरे फिर हालात हो कि ना हो...
 दोस्तों से दोस्ती का वादा, भूल कर भी ना करना कभी,
क्या पता कल उनको ही तुझपे ऐतबार हो कि ना हो...






 राह में काँटें मिले तो भी रुको नही, बढते ही चलो,
क्या पता कल मंजिल को तेरा इन्तजार हो कि ना हो...

अश्क गर बहते हैं, तो बहने दो, रोको ना इन्हे,
क्या पता इस रेत में फिर कभी बरसात हो कि ना हो...

Wednesday, June 27, 2012

वो खत

 आज भी तेरा पहला खत
मेरी इतिहास की किताब में हैं
उसका रंग गुलाबी से पीला हो गया
मगर खुशबू अब भी पन्नो में है

 उसके हर एक शब्द हमारी
प्रेम कहानी बयां करते है
और तनहाई में मुझे
बीते समय में ले चलते हैं
 वो खत मेरी जिन्दगी का
 हिस्सा नही ,जिन्दगी है  
 हर दिन पढने की उसे 
बढती जाती तृष्णगी है





क्योंकि वह पिता हैं

 पिता। ऐसा शब्द, जो मजबूती का एहसास कराता है। उसके होने से दुनिया से लड़ने की ताकत आ जाती है। कहते हैं कि जो चीज हमारे पास होती है, उसकी अहतियत कम हो जाती है। जिनके पिता हैं, और ‘पैरों पर खड़े’ हो गए हैं, उनके लिए शायद पिता के होने या न होने का ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब एक बच्चा, जिसके पिता नहीं है, किसी बच्चे को अपने पिता की उंगली पकड़कर जाते हुए देखता, तो उसके दिल में झांक देखें तो पता चलेगा कि पिता की अहमियत क्या है? ‘फादर्स डे’ पर अच्छी-अच्छी बातें की जाती हैं। कई लोग बताते हैं कि कैसे उनके पिता ने उन्हें मुसीबतें झेलकर जवान किया, किसी काबिल बनाया। कुछ ऐसे भी हैं, जो अक्सर पिता से कहते सुने जाते हैं, ‘सभी अपनी औलाद के लिए कष्ट झेलते हैं, आपने क्या नया कर दिया?’ या यह कि ‘आपने हमारे किया ही क्या है?’ इस तरह के शब्द सुनने वाले पिता पर क्या गुजरती होगी, यह वही जानता है। उस पिता को रात में नींद नहीं आती, जिसे पता चले कि जिस बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए दूसरे शहर में भेजा और जिसकी पढ़ाई के लिए उसने सब कुछ दांव पर लगा दिया, वह किसी महिला की चेन लूटता हुआ पकड़ा गया है। पिता का अतीत कितना भी काला रहा हो, लेकिन उसकी भी दिली ख्वाहिश यही होती है कि उसकी संतान किसी काबिल बने।
‘फादर्स डे’ पर बच्चों को जानना चाहिए कि उनके पिता ने उन्हें भले ही जमाने की सुख-सुविधाएं नहीं दी हों, लेकिन उसकी ख्वाहिश तो सारे जहां की नेमतें अपने बच्चों को देने की होती है। ऐसा नहीं होता है, तो गलती पिता की नहीं, हालात और मजबूरी की होती है। पिता के प्यार को दौलत की तराजू में नहीं तौला जा सकता। उसको तौलने के लिए तो दिल की तराजू चाहिए। जब आप पिता-पुत्र के प्यार को तोलेंगे, तो पिता के प्यार का पलड़ा भारी रहेगा। उस सूरत में भी जब पिता की नाफरमानी करते हुए संतान उनका दिल दुखा चुकी हो। इस ‘फादर्स डे’ पर अपने पिता के दिल में झांकिए और देखिए कि वह आपसे कितना प्यार करते हैं?




अपना शहर ……

 अजनबी शहर में अपना शहर याद आया |
उसकी हर गली हर एक मोड याद आया ||
 मिला सब यहाँ जो मिला ना था अब तक,
इस शहर ने हर सपने को बनाया हकीकत |
हर उडान पे वो पतंग का उडाना याद आया ,
उसकी हर गली हर एक मोड याद आया ||
 घूमा बहुत मैं और देखी भी बहुत दुनिया,
सपनों की नगरी से लगे बहुत से नगर |
पर अपने शहर सा  कोई भी ना शहर पाया,
उसकी हर गली हर एक मोड याद आया ||
 सोचते थे प्यार लोगों से होता है जगह से नही,
समझे तब जब उससे मीलों दूर हम आ बैठे |
उसकी मोहब्बत में खुद को जकडा पाया,
उसकी हर गली हर एक मोड याद आया ||
उसकी हर गली हर एक मोड याद आया ...........




 जब देखा गली पे बच्चों को खेलते क्रिकेट,
और फिर अपने ही शीशे के टूटने की आवाज |
अपने बचपन का सुहाना दौर याद आया,
उसकी हर गली हर एक मोड याद आया ||







Wednesday, March 14, 2012

Love Forever


Koi mila hi nahi jis ko wafa date.
Her ik ne dokha diya kis kis ko saza dete.

ye humara zarf tha k khamosh rahe
dastan sunate to mehfil ko rula dete.

Aagar mere yaad aye to
ek Chand ko dekh lena
ye soch k nahi k kubsoorat hi kitna
ye soch kar k
hazaroon sitaron may tanha hai kitna

ise hamne chaha usko hum pa na sake,

jisne hame chaha use chah na sake,

ye to dil tutane ka khel tha,

kisi ka toda apna bacha na sake.
Meri myat uthaane ki jab baat ho gi.

Har aankhon mein aanso ki barsaat ho gi.

Mere kafan pe hans k ek phool rakh dena.

Jaate jaate tumhaari koi nishaani paas ho gi.

Maut ke baad yaad aa raha hai koi,
Mitti meri kabra se utha raha hai koi,
Ae khuda do pal ki zindagi aue de de,
Meri kabra se udaas ja raha hai koi.


Wo Maire Pyar Ka Kis Qadar Mazak Ura Gaya
Ke Muje Muhabbat Krne Ki Saza Suna Gaya
Huma Ne Muhabbat Ka Agaz Us Se Hi Kiya Tha
Or Wohi Is Ko Injam Tak Phocha Gayaa


Request hai tumse refuse mat karna,
Friendship ke ye dosti ko fuse mat karna,
Hum dost hai tumahre con-fuse mat karna,
Meri jagah kisi aur ko use mat karna…


Sapno ki tarah aa kar chale gaye
Apno ko bhula kar chale gaye
Kis baat ki saza di aap ne humein
Pehle hasaya phir rulakar chale gaye…

Bhool jane ka tujhe koi irada na tha,
Tere siva kisi se kiya wada na tha.
Nikaal dete Dil se shayed tumhen KHAYAL,
Par is kambakht dil mein koi Darwaza na tha…


Ishq kar deta hai bekrar

bhar deta hai pathar ke dil me pyar,
kyu nahi milti zindagi ki ye bahar,
kyunki ishq ka dusra naam hai intezar…



Kisi ne humse puchha,
Vaade aur Yaadein me kya fark hai?
Hum ne kaha Vaade insan todta hai,
Aur Yaadein insan ko tod deti hain…

Kisi ek se karo pyaar itna,

Ke kisi aur se pyaar karne ki gunjaish na rahe,
Woh muskrade aap ko dekh kar ek bar,
Toh zinadgi se phir koi khwaish na rahe…



khuda hamko khudai na de,
ki apne siwa kuchh dikhai na de,
mujhe aisi jannat nahi chahiye,
jahan mera yaar mujhe dikhai na de,,


Kuch saalo baad najane kya sama hoga,
Najane kaun dost kaha hoga,
Phir milna hua toh milenge yaadon mein,
Jaise sukhe gulab milte hai kitabon mein…