Saturday, November 2, 2013

दीपावली की दीवानगी…

दीपावली की दीवानगी…

Posted On November - 2 - 2013
भारतीय परिप्रेक्ष्य में दीपावली व्यवसायियों का सबसे प्रिय और महत्वपूर्ण त्योहार है। दीपावली व्यावसायिक समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है। यही कारण है कि दीपावली के इर्द-गिर्द उपभोक्ताओं को रिझाने के लिए नए-नए प्रयास किये जाते हैं। फिल्म व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए भी दीपावली नयी उम्मीदों और समृद्धि का संकेत सूचक है। तभी तो दीपावली के इर्द-गिर्द अपनी फिल्म के प्रदर्शन को लेकर निर्माता-निर्देशक एड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं। वे वह हर संभव प्रयास करते हैं जिससे उनकी फिल्म दीपावली की छुट्टियों के आस-पास प्रदर्शित हो। दीपावली की दीवानगी फिल्मी दुनिया पर इस कदर हावी है कि दीपावली पर बड़ी फिल्मों का प्रदर्शन एक बड़ा और आकर्षक आयोजन बन गया है। एक आंकलन सौम्या  का।

सपरिवार मनोरंजन

दरअसल, दीपावली के आस-पास के दिन फिल्म व्यवसाय के लिए अपेक्षाकृत अनुकूल माने जाते हैं। छुट्टियों का माहौल होता है। लोग सपरिवार छुट्टियों का आनंद लेना चाहते हैं। साथ ही,मनोरंजन के लिए पूंजी निवेश करने में भी वे नहीं हिचकिचाते हैं। ऐसे में, संभवत: सपरिवार मनोरंजन के लिए $िफल्में उनके सामने सबसे प्रिय विकल्प के रूप में उभरती हैं। ..और इस तरह दीपावली के इर्द-गिर्द होने वाली छुट्टियों के दौरान अधिकांश लोग सपरिवार सिनेमाघरों का रुख करने लगते हैं। इन्हीं पारिवारिक दर्शकों को रिझाने के लिए दीपावली के दौरान सपरिवार देखी जाने वाली फिल्मों के प्रदर्शन को प्राथमिकता दी जाती है। इस वर्ष दीपावली के अवसर पर कृष 3 के प्रदर्शन की योजना भी इसी आधार पर बनी।  कृष-3 जैसी फिल्में बच्चों को उनके माता-पिता और अन्य रिश्तेदारों के साथ सिनेमाघरों तक खींचने में सक्षम होती हंै। गौर करें तो दीपावली के दौरान प्रदर्शित होने वाली अधिकांश $िफल्में पारिवारिक मनोरंजन को ध्यान में रखकर बनायी जाती हैं।

कमाई की गारंटी

पिछले कुछ अर्से से दीपावली के दौरान प्रदर्शन फिल्म व्यवसाय के लिए सुखद संकेत लेकर आता रहा है। फिल्म-प्रदर्शन के लिए दीपावली को कमाई की गारंटी माना जाने लगा है। इसका अंदाजा इस बात से ही लग जाता है कि एक वर्ष से पूर्व ही निर्माता-निर्देशकों के बीच दीपावली के दौरान अपनी फिल्मों के प्रदर्शन की तारीख सुरक्षित करने की होड़-सी लग जाती है। उदहारण स्वरूप अगले वर्ष दीपावली के दौरान शुद्धि के प्रदर्शन के लिए करण जौहर ने तारीख सुरक्षित कर ली है जबकि अन्य बड़े निर्माता-निर्देशक इस दिशा में अभी से प्रयासरत हैं। रोचक है कि अभी से 2015 की दीपावली के दौरान राजश्री प्रोडक्शन की अपनी नयी फिल्म के प्रदर्शन के लिए सलमान खान तारीख सुरक्षित करने की जुगत लगा रहे हैं। इस सन्दर्भ में ट्रेड विशेषज्ञ तरण आदर्श कहते हैं-सभी आजकल अपनी फिल्म के लिए दीपावली की रिलीज़ बुक करना चाहते हैं। उन्हें यह बखूबी पता है कि इस डेट पर फिल्में रिलीज करना मोटी कमाई की गारंटी है। मेरा मानना है कि इस ट्रेंड में कोई बुराई नहीं है।

शुक्रवार का इंतज़ार नहीं

यूं तो आम दिनों में $िफल्में शुक्रवार को प्रदर्शित होती हैं।.. लेकिन जब दीपावली की बात होती है तो इस मौके को भुनाने के लिए फिल्म निर्माता-वितरक फिल्म को शुक्रवार से पहले भी प्रदर्शित करने में नहीं हिचकिचाते हैं। इस बार भी कृष-3 का प्रदर्शन दीपावली के दिन अर्थात रविवार को होना था,पर बाद में इसे बदलकर दो दिन पहले शुक्रवार कर दिया गया। ऐसा माना जाता है कि दीपावली वाले दिन, शाम और रात के कलेक्शन में थोड़ी गिरावट आ जाती है क्योंकि लोग दीपावली का त्योहार मनाने में व्यस्त हो जाते हैं। यही वजह है कि राकेश रोशन ने कृष-3 को दीपावली के दो दिन पहले प्रदर्शित करने का निर्णय लिया। गौरतलब है कि वर्ष 2008 में दीपावली के दौरान फैशन और गोलमाल रिटन्र्स मंगलवार को प्रदर्शित हुई थी तो 2005 में गरम मसाला और शादी नंबर वन बुधवार को प्रदर्शित हुई।

बड़े सितारों की चांदी

हिंदी फिल्म प्रेमियों के दिलों में उनके प्रिय सितारे बसते हैं। विशेषकर प्रथम श्रेणी के सितारों को लेकर सिनेप्रेमियों में इतना उत्साह रहता है कि वे उन्हीं के साथ सिनेमाघरों में दीपावली मनाना चाहते हैं। प्रशंसकों के इसी प्रेम और उत्साह के कारण बड़े सितारे दीपावली के आस-पास अपनी फिल्म के प्रदर्शन को लेकर उत्सुक रहते हैं। यही वजह है कि बड़े सितारों के लिए दीपावली भाग्यशाली साबित हुई है। हालांकि, शाहरु$ख खान के लिए दीपावली कुछ ज्यादा ही सुखद संकेत लेकर आती रही है। शायद यही वजह है कि शाहरु$ख अगले वर्ष दीपावली के दौरान फराह खान निर्देशित अपनी नयी फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।$ खबरों के अनुसार शाहरुख ने फिल्म की निर्देशक फराह खान को इस बारे कहा है।
उधर रणबीर कपूर की निगाहें भी अगले वर्ष की दीपावली पर टिकी हुई हैं। वे अनुराग बसु निर्देशित जग्गा जासूस के प्रदर्शन के लिए अगले वर्ष की दीपावली के दौरान की तारीख सुनिश्चित करना चाहते हैं। यदि रणबीर की ख्वाहिश पूरी हो जाती है तो अगले वर्ष दीपावली की रौनक बढ़ाने के लिए तीन बड़ी $िफल्में शुद्धि, हैप्पी न्यू ईयर और जग्गा जासूस सिनेमाघरों में दस्तक दे सकती हैं।
उम्मीद है कि आने वाले कई वर्षों तक हिंदी सिनेमा यूं ही  दीपावली  के  जगमगाते दीयों से रोशन रहेगा और अपने रंग,ढंग और अंदाज से मनोरंजन के नित नए दीप जलाता रहेगा…।

दीपावली पर प्रदर्शित पिछले दस वर्षों की फिल्में

2012- सन ऑफ सरदार, जब तक है जान
2011- रा.वन
2010- गोलमाल-3,एक्शन रीप्ले
2009- ब्लू, मैं और मिसेज खन्ना,ऑल द बेस्ट
2008- गोलमाल रिटन्र्स,फैशन
2007- सांवरिया, ओम शांति ओम
2006- डॉन, जानेमन
2005- गरम मसाला, शादी नंबर वन
2004- वीर जारा, एतराज
2003- पिंजर, राजा भैया

जश्न-ए-दीपावली

जश्न-ए-दीपावली

Posted On November - 2 - 2013
पर्व दीपावली अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस दिन दीपों को प्रज्वलित कर दुनिया को नयी उम्मीदों और नयी ऊर्जा से रोशन करने की घोषणा की जाती है। हिंदी $िफल्मी दुनिया के टिमटिमाते सितारे भी उल्लास और उमंग से यह पर्व मनाते हैं। लाइट, साउंड, कैमरा और एक्शन जैसे संकेत चिह्नïों से दूर दीपावली उन्हें परिवार और दोस्तों के साथ कुछ खुशनुमा पल बिताने का अवसर देती है। ऐसे ही कुछ सितारों की जश्न-ए-दीपावली पर सोम्या की रिपोर्ट।

दीपिका पादुकोण

दीपावली के दिन मैं अपने परिवार के साथ रहना चाहती हूं। सच कहूं तो दीपावली का त्योहार मुझे अपने परिवार के साथ व$क्त बिताने के लिए बेचैन कर देता है। अच्छी बात है कि इस बार दीपावली के दिन मैं अपने परिवार के साथ रहूंगी। दीपावली मेरा सबसे प्रिय त्योहार है। बचपन से ही मैं दीपावली सेलिब्रेशन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही हूं। मम्मी और छोटी बहन के साथ दीये जलाना मुझे बेहद पसंद है। हम सब  एक साथ मिल कर दीपावली की शाम को लक्ष्मी पूजा करते हैं। मुझे और मेरी बहन को हमारे पेरेंट्स ने हमेशा से बताया है कि पटाखे पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं  इसलिए हम कभी पटाखे नहीं जलाते। बचपन में भी छोटे- मोटे  पटाखे ही जलाते थे। दीपावली के दिन मेरे लिए सबसे खास होते हैं  मां के हाथों से बने कुछ खास व्यंजन और मिठाइयां।

बिपाशा बसु

मुंबई में अपने परिवार और रिश्तेदारों की कमी सबसे अधिक मुझे दीपावली के दिन ही खलती है। मेरे ज्यादातर रिश्तेदार बंगाल में रहते हैं इसलिए दीपावली के दिन उनसे मिलना नहीं हो पाता है। दीपावली के कुछ दिन पहले बड़े पैमाने पर घर की सा$फ-सफाई  करती हूं। ऐसा करने से दीपावली के दिन होने वाली साज-सज्जा और भी $खूबसूरत लगती है । पटाखे मैं बिलकुल नहीं जलाती हूं। लक्ष्मी-गणेश की पारंपरिक पूजा के बाद रसगुल्लों का स्वाद लेती हूं। दीपावली के दिन की सबसे अच्छी बात है कि इस दिन हम सब गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को याद करते हैं और सबकी $खुशी की कामना करते हैं।

रणवीर सिंह

दीपावली का मतलब मेरे लिए फैमिली और फ्रेंड्स के साथ क्वालिटी टाइम बिताना है। मैं दीपावली के दिन होने वाले जुए को पसंद नहीं करता इसलिए दीपावली की पार्टी मुझे बोरिंग लगती है। उस दिन मुझे अपनी फैमिली के बच्चों के साथ खेलना ज्यादा अच्छा लगता है। मुझे पटाखे पसंद नहीं हैं।  दीपावली के बारे में एक बात जो बहुत पसंद है…वह है चारो-तरफ दिखते मुस्कुराते चेहरे। सभी रिलैक्स और खुश नजर आते हैं। दीपावली बिजी शेड्यूल के बीच सेलिब्रेशन का मौका देती है। वैसे  मेरे लिए  दीपावली की सबसे बड़ी हाईलाइट मिठाइयां हैं।

सोनम कपूर

मैं बचपन से बेहद फेस्टिव रही हूं। खासकर दीपावली के लिए बेहद उत्साहित रहती हूं। दीपावली के दिन अक्सर घर की साज-सज्जा की जिम्मेदारी मुझे दी जाती है। मम्मी के साथ मिलकर रंगोलियां बनाती हूं। मुझे दीपावली के दिन दीये से अपने घर को रोशन करना ज्यादा अच्छा लगता है। मोमबत्तियों का हम कम-से-कम इस्तेमाल करते हैं। मुझे तेज आवाज वाले पटाखे पसंद नहीं हैं, रॉकेट और फुलझडिय़ों से ही दीपावली मनाती हूं।  दीपावली रोशनी का त्योहार है, शोर का नहीं। पारंपरिक माहौल में हम दीपावली मनाते हैं।

अनुष्का शर्मा

मैं त्योहारों के दौरान ज्यादा उत्साहित नहीं होती हूं। मेरे लिए दीपावली का दिन दूसरे दिनों की तरह नॉर्मल ही रहता है। ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि मैं बचपन से दीपावली सेलीब्रेशन की तैयारियों में सम्मिलित नहीं रही हूं। मम्मी हमेशा दीपावली के लिए सारी तैयारियां करती हैं। मैंने कभी दीपावली के लिए कुछ नहीं खरीदा है। बचपन में पटाखे फोड़े हैं। बड़े होने के बाद वह भी छूट गया। हां, मेरी कोशिश रहती है कि दीपावली के दिन अपने घर वालों के साथ समय बिताऊं।

रितिक रोशन

दीपावली के आसपास हमारी सिटी बेहद पॉल्यूटेड हो जाती है। मुझे लगता है कि दीपावली के दिन होने वाले पॉल्यूशन के विषय में हमें सोचना चाहिए। पटाखे फोडऩे से ज्यादा पॉल्यूशन होता है। हवा में पटाखों के हानिकारक टुकड़े फैल जाते हैं। मेरी कोशिश रहती है कि बम और पटाखों की तेज आवाज से दूर कहीं शांत और सुकून वाली जगह पर दीपावली मनाऊं। इस बार दीपावली का सेलिब्रेशन मेरे लिए खास है क्योंकि मेरी फिल्म कृष3 रिलीज़ हुई है। उम्मीद है कि मेरे और दर्शकों के लिए कृष3 दीपावली सेलिब्रेशन को और खुशनुमा बनाएगी।

कैसे मनाती हैं दीवाली टीवी सीरियल की रानियां

कैसे मनाती हैं दीवाली टीवी सीरियल की रानियां

Posted On November - 2 - 2013
संगीता
दीवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसकी  खुशी कुछ निराली है। हर कोई इसे अपने ढंग से मनाता है लेकिन जिनको हम अच्छे से जानते हैं उनके हर काम पर हमारी नजर रहती है। हमारे ऐसे ही जानने  वालों में आजकल टीवी अभिनेत्रियां  का नाम भी शामिल हो गया है। उन्हें हर रोज  अपने ड्राइंग रूम या बेडरूम में देखते-देखते उनके साथ कुछ ऐसा रिश्ता बन गया है कि वे अपने परिवार का हिस्सा सा ही लगती है। दर्शकों के दिल पर राज करने वाली ये टीवी सीरियल की रानियां दीवाली कैसे मनाती हैं, यह जानने की कोशिश हमने की। किसने दीवाली को लेकर क्या कहा आइये बताते हैं आपको : -
प्रत्युषा बनर्जी
इन दिनों प्रत्युषा बिग बास के घर में है। उम्मीद है वह दीवाली से पहले घर से बेघर नहीं होगी। इस कारण उसकी दीवाली बिग बास के घर में ही मनेगी। लेकिन पिछली बार जब वह ‘बालिका वधू’ की आनंदी के रूप में काम कर रही थी, तब उसकी दीवाली बेहद शानदार रही थी। प्रत्युषा बताती है कि गणेशजी,लक्ष्मीजी और काली मां की मूर्तियों के लिए दीवाली पर हर साल  एक छोटा सा दीवाली घर बनाती हूं। साथ ही दीवाली पर हर साल अपने लिए 3 ड्रेस खरीदती हूं जिन्हें मैं धन तेरस, छोटी दीवाली और बड़ी दीवाली तीनों दिन नए कपडे पहन सकूं। यह सिलसिला मेरी मां ने मेरे लिए मेरे बचपन में शुरू किया था पर अब मैं अपने और अपने परिवार के  लिए  खुद कपडे खरीदती हूं लेकिन  मैं पटाखे जलाने में बहुत सावधानी बरतती हूं क्योंकि बचपन में दीवाली पर मेरा  पैर जल गया था।
अविका गौर
अविका गौर इन दिनों ‘ससुराल सिमर का’ सीरियल से चर्चा में है लेकिन बाल आनंदी के रूप में अविका ने अपने काम से लोगों का जैसा दिल जीता, वह अनुपम था। अविका कहती है— मैं दीवाली का पूरे साल इंतजार करती हूं,मेरे लिए साल में यदि सबसे बेस्ट समय कोई है तो वह दीवाली है। धनतेरस से भैया दूज तक त्यौहार का लम्बा समय जीवन में नया उत्साह भर देता है। एक यही मौका है जब सारा परिवार इकट्ठा होता है। सब एक दूसरे को गिफ्ट देते है। घर में दिए जलते है। जब मैं पूरा शहर एक साथ  जगमग रौशनी से नहाया देखती हूं तो मन खिल उठता है। दीवाली पर मैं नए कपडे खरीदती हूं, थोड़े बहुत पटाखे भी जलती हूं और मिठाई तो खाती ही हूं।
 दीपिका सिंह
सीरियल ‘दिया और बाती’ के अपने संध्या के रोल से से टीवी स्टार बन चुकी दीपिका सिंह भी दीवाली की बात करते चहक सी उठती है। वह कहती हैं— बहुत ही दिलकश उत्सव है  दीवाली। मेरा सबसे फेवरिट फेस्टिवल। दीवाली  में जो बात मुझे सबसे अच्छी लगती है वह है इसकी चमक दमक जिसमे भक्ति और आनंद के खूबसूरत रंग भरे हुए है। इस चमक दमक में शामिल होने के लिए मैं भी इस दिन खूब चमकने दमकने की कोशिश करती हूं। नए कपड़े खरीदना तो सबसे बड़ा अधिकार सा ही हो जाता है इस दिन,फिर बाकी साल में मिठाई खाओ या नहीं इस दिन मिठाई भी बिना रोक टोक और बिना सोचे समझे मजे मजे में खाती हूं। गणपति बाबा और महालक्ष्मी की पूजा का इस दिन तो अलग ही सुख मिलता है। अपने परिवार, दोस्त यहां तक कि पड़ोसियों से भी इस दिन मिलना जुलना हो जाता है और एक दूसरे से गिले शिकवे भी दूर किये जा सकते हैं।
 
दीपिका सेमसन  
‘ससुराल सिमर का’ की  सिमर यानी दीपिका सेमसन  भी दीवाली को पसंद तो करती है और इसे मनाती भी है लेकिन दीवाली का शोर उसे विचलित भी करता है। दीपिका कहती है— मुझे दीवाली क्रिसमस दोनों ही पसंद है। लेकिन मुझे यह डर लगा रहता है कि कहीं अनार या कोई बड़ा बम कोई अप्रिय घटना को आमंत्रित ना कर दे।
इसलिए मैं इनका बहुत कम और सावधानी से इस्तेमाल करती हूं। हालांकि रॉकेट की तो आवाज से ही मुझे बहुत डर लगता है और उसके शोर से बचने के लिए मैं इयर प्लग लगा लेती हूं। मैं चाहती हूं दीवाली शोर मुक्त हो तो ज्यादा बेहतर होगा। हां दीवाली पर नए कपड़े पहन घर को  रौशनी से सजाना और मिठाई खाना तथा लोगों से मिलना जुलना मुझे सुहाता है।

Wednesday, October 30, 2013

कुछ कहती है करवा चौथ

व्रत, त्योहार, उत्सव भागते जीवन में ठहराव लाते हैं और ठहरे जीवन में गति। हर त्योहार अलग ऋतु, अलग प्रयोजन और अलग कहानी लिए होता है। दशहरा असत्य पर सत्य, दीपावली विजयी और बिछुड़ों के स्वागत, होली मेल-मिलाप तो क्रिसमस और ईद कुर्बानी की सीख का भाव लिए हैं। जबकि करवा चौथ एक ही दिन में वे सारे भाव लिए है, जो हर त्योहार अलग-अलग। इसमें पति के लिए पत्नी की त्याग भावना भी है और शाम को लौटे पति के स्वागत का भाव भी है। इस त्योहार में निराहार रहकर इंद्रियजीत का तप भी है और तमाम मतभेदों को भुलाकर फिर मेल-मिलाप से रहने की सीख भी।

करवा चौथ यानी पत्नी पति के लिए पूरा दिन निर्जल-निराहार रहकर व्रत करे
चन्द्र भगवान को अघ्र्य देकर उसकी सलामती की प्रार्थना करे, लेकिन अगले दिन...? फिर से वही रूठना-मनाना, कभी बच्चों को लेकर किच-किच तो कभी कुछ और। करवा चौथ के दिन उमड़ा प्यार 24 घंटे बाद ही कहां गायब हो जाता है? ऎसे में करवा चौथ का यह त्योहार अपने नाम में लगे चौथ शब्द को सार्थक करते हुए चार बड़ी सीखें दे देता है, जो हर दंपती अपने जीवन में उतार ले तो करवा चौथ का यह प्यार हमेशा-हमेशा के लिए बना रहा।


स्व-नियंत्रण
भले ही निराहार रहने से दिन-भर काम के लिए शारीरिक ऊर्जा में कमी आ रही हो, प्यासे रहने से प्राण कंठ में अटके हों, इस दिन का पवित्र भाव स्व-नियंत्रण की शक्ति देता है। पति की भलाई के लिए सारे कष्ट छोटे नजर आते हैं। ऎसा भी होता है, जब पत्नी रूग्ण है या चोटिल है, चिकित्सकीय देख-रेख में है या गर्भवती है, लेकिन ऎसे में भी वह इस दिन को नहीं भूलती। कहां से आती है ऎसी भाव-शक्ति? मन के भीतर जमा ऎसा कौन-सा विश्वास और आस्था है जो उसे भूख-प्यास भुलाए रखती है? असल में पति की मंगल कामना का भाव ही उसे खुद पर नियंत्रण रखने की शक्ति देता है।


मतभेद भले हों, मनभेद न हों
हर विचारशील मस्तिष्क को अपने स्वतंत्र विचार रखने का प्राकृतिक अधिकार है, लेकिन साथी की इस स्वतंत्रता का अतिलंघन न हो। भारतीय संस्कारों ने हमें कुछ इस तरह गढ़ा है कि पति-पत्नी के बीच कितनी ही अनबन हो, पत्नी करवा चौथ के इस व्रत को कभी नहीं भूलती। पति से लाख झगड़े भी उसे इस व्रत को करने से रोक नहीं पाते और इस व्रत के बाद शाम को रूठे पति का मानना भी तय है, भले बोलचाल कई दिनों से बंद हो। कहां चला जाता है कई दिन का गुस्सा? जब तमाम मतभेद एक दिन के लिए भुलाए जा सकते हैं तो तमाम उम्र के लिए क्यों नहीं?

समर्पण
पूर्णतया पति को समर्पित होने का भाव ही करवा चौथ है। दुनिया में सिर्फ वही है, जिसके लिए आपने सुख-दुख, भूख-प्यास, किसी को नहीं देखा। रोज यह समर्पण कहां गायब हो जाता है? समर्पित होने का मतलब यह भी नहीं है कि आप उनकी सारी बातें मानें, भले ही वे कितनी ही गलत हों, लेकिन उनका विरोध झगड़े या जिद की बजाय किसी और तरीके से करने की कोशिश करें।


प्रसन्नता की तलाश
इस दिन आप भूखी-प्यासी हैं, फिर भी खुश हैं। सभी चीजों या साधनों की प्राप्ति का एक ही उद्देश्य है, वह है मन की संतुष्टि। करवा चौथ के रोज आपने संतुष्टि का यह भाव अपने में भर रखा है। साधनों या चीजों की कमी या उनके न होने से भी आज आपको कोई फर्क नहीं पड़ रहा। प्रसन्नता की तलाश संतुष्टि पर खत्म होती है। ऎसे में करवा चौथ की चौथी सीख यही है कि अगर प्रसन्नता की तलाश में आप हैं तो जीवन से संतुष्ट होना सीखना होगा।


बस दो मिनट
ये चारों सीखें, जो यह पर्व हमें सिखाता है, अगर इन्हें चिरस्थायी बना लिया तो हमारा हर दिन, हर पल उमंग भरा, सोद्देश्य और त्योहारी उल्लास से भरा होगा। इसके लिए रोजाना दैनिक दिनचर्या से पहले चाहिए केवल दो मिनट। प्रात: काल उठने के बाद सबसे पहले आंख बंद कर ध्यान मुद्रा में बैठें और फिर...पहले मिनट सोचें
किन बातों को करने से आपका आज का दिन ज्यादा निकटताभरा हो सकता है?
छोटी-छोटी चीजें, जो एक दूसरे के लिए की जा सकती हैं, जैसे गाड़ी ही साफ कर दी, एक को ऑफिस के लिए देर हो रही हो तो दूसरे ने तुरंत घर की सफाई कर दी। उस दिन पहने जाने वाले एक-दूसरे के जूते-चप्पल निकाल कर, पॉलिश करके रख दिए। पत्नी को दफ्तर में देर हो रही है तो खाने की कुछ तैयारी कर दी या बच्चों का होम वर्क करवा दिया। ऎसे तमाम कई तरह के काम हैं, जो होते तो बहुत छोटे हैं, लेकिन कर दिए जाएं तो काफी मायने रखते हैं।
दोनों कामकाजी हैं और काम को लेकर चिक-चिक है तो फिर आज सुबह ही यह तय कर लेंगे कि किसको क्या करना है।
दोनों सुबह की चाय हर हाल में साथ पिएंगे।
एक पल के लिए दोनों एक दूसरे का हाथ थामेंगे और कुछ सेकंड्स के लिए ही सही, एक दूजे को प्यार भरी नजरों से देखेंगे।
दोनों आज एक-दूसरे की पसंद के कपड़े पहनेंगे और वह भी बिना एक दूसरे को बताए।
किसी गलत काम के लिए कल एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया था, वो गलतफहमी आज दूर करने की कोशिश करेंगे।
दूसरे मिनट सोचें
आज क्या न करने से दोनों का मूड ठीक रखा जा सकता है?
कल बच्चों, साफ-सफाई या जिस किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। वह झगड़ा आज के दिन पर हावी नहीं होने देंगे।
अगर एक-दूसरे की कोई आदत पसंद नहीं है, तो कम से कम आज पूरे दिन उसकी बुराई करना छोड़ेंगे।
और बस दिनचर्या में इन बातों को ढाल लें। फिर देखिए, करवा चौथ का यह प्यार कैसे हर दिन बरकरार रहता है।

अंधियारा भागा... लो आई दिवाली

जब आसमान में अमावस का गहरा अंधेरा छाया होता है, तब रोशनी की जगमग और खिलखिलाहट के साथ धरती पर उजाले की बरसात होती है। जब चांद का कहीं अता-पता नहीं होता, उस समय सोने-चांदी, मिट्टी, पीतल, तांबे के घी-तेल से भरे दीए पूरे देश को जगमग करते हैं। मोमबत्तियां रोशनी बिखेरती हैं। रंग-बिरंगे बल्बों की लडियों से हर दीवार, कोना रोशन होता है। घर-दरवाजे रंगोलियों से सजे रहते हैं। बंदनवार लगाए जाते हैं। लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां साथ सजती हैं। लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा का अर्थ भी शायद यही है कि लक्ष्मी प्राप्त करने के लिए जो बुद्धि चाहिए, उसे गणेशजी प्रदान करें और धनवान बनने की राह में जो विघ्न बाधाएं आएं, उन्हें भी दूर करें, आखिर विघ्न विनाशक जो ठहरे।


पूड़ी, पकवान, छोले-भठूरे, मिठाइयों, फलों, नमकीन तरह-तरह की चॉकलेट, बिस्कुटों से घर महक रहा है। फूलों की मालाएं और अन्य तरह की सजावट से घर की रंगत ही बदल गई है। वैसे तो इस अवसर पर घर का क्या-क्या नहीं बदला है। देखा जाए तो दिवाली और सफाई का गहरा सम्बन्ध है। लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के कोने-कोने को चमकाना जरूरी है। हर दीवार की ताजगी और चमक बता रही है कि अभी-अभी रंग-रोगन की कूचियां इन पर से होकर गुजरी हैं। परदों, कुशन कवर, सोफा कवर ने इन दीवारों की रंगत में और चार-चांद लगा दिए हैं, क्योंकि वे भी तो नए हैं। सफाई का सम्बन्ध बहुत गहरे हमारे से जुड़ा है। अगर हम और परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ, प्रसन्न रहें, अपने कामकाज में मेहनत से लगें, तो यह मेहनत परिणाम भी लाती है और यह परिणाम धन अर्थात् लक्ष्मी के रूप में ही हमारे सामने आता है। घर के सामने नए मॉडल की बड़ी कार खड़ी है। घर के कई लोगों ने अपना मोबाइल भी बदला है। मोबाइल और कार बदलने की जिद और चाहत घर के छोटे सदस्यों की रही है। इन दिनों कार, मोबाइल और कम्प्यूटर के चुनाव में ये नन्हे सदस्य परिवार के बड़ों से आगे हैं। इन नन्हे-मुन्नों में बहुतों ने अपने लिए प्ले स्टेशंस भी खरीदे हैं। तरह-तरह की मशहूर ब्ा्रांड्स के कपड़े भी उनकी अलमारी में सजे हैं। घर की महिलाओं ने भी मनपसंद खरीदारी की है। दिवाली तो है ही, साथ में गोवर्धन और भैयादूज भी तो है। धनतेरस के दिन के लिए नए बरतन तो पहले ही खरीद लिए गए हैं।


नई कारों, मोबाइल, जेवरों, कपड़ों, खिलौने, ब्ा्रांडेड कपड़ों, कॉस्मेटिक्स, जूते-चप्पल, नमकीन, खील-बताशों, मीठे सेवों, नमकपारों से बाजार भरे पड़े हैं। अधिकांश उत्पादों पर भारी-भरकम छूट मिल रही है। मेहंदी वाले और ब्यूटी पालर्स ओवरबुक्ड हैं। मेहंदी और पार्लर वाले कई गुना अधिक फीस पर घर आने को तैयार हैं। कई जगहों पर दिवाली के स्पेशल ऑफर के नाम पर छूट भी मिल रही है। अक्सर खरीदार और विके्र ता दिवाली का इंतजार करते हैं। मिठाई की दुकान पर इतनी भीड़ है कि दो घंटे में भी नम्बर आ जाए तो बड़ी बात होगी। पटाखों की दुकानों पर भी भीड़ है। हालांकि कहते हैं कि "से नो टू क्रैकर्स कैंपेन" का पटाखों की बिक्री पर असर पड़ा है। जब से मोबाइल का चलन बढ़ा है, ग्रीटिंग्स मोबाइल पर ही भेजे जाते हैं। इतने मैसेज होते हैं कि नेटवर्क जाम हो जाता है। मोबाइल कंपनियां भी मौके का लाभ उठाने के लिए मैसेज के रेट बढ़ा देती हैं। पिछले कुछ सालों से दिवाली के अवसर पर चॉकलेट की बिक्री में भी भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बाजार में, मॉल्स में, सिनेमा हॉल्स में भारी भीड़ है। दिवाली के मौके के इंतजार में कई फिल्म वाले अपनी फिल्म रिलीज करने को बैठे थे। दिवाली माने छुट्टी, छुट्टी माने ज्यादा दर्शक और फिल्म हिट। रेलगाडियों, बसों में पैर रखने के लिए जगह नहीं है। जितनी टिकट्स का रिजर्वेशन है, उससे कई गुना लोग गाडियों में सवार हैं। लोग अपने-अपने घर जा रहे हैं। दिवाली का मौका जो है। रेस्टोरेंट, होटल्स की बुकिंग महीनों पहले की जा चुकी है। आखिर खुशी का मौका जो है। एक-एक जगह कई-कई पार्टीज का आयोजन है। युवा वर्ग भी पीछे नहीं है। बहुत-सी जगहों पर दिवाली मेले लगे हैं। कुछ लोग कहते हैं कि त्योहारों में अब पहले जैसी बात नहीं रही। दिखावा बढ़ा है, हार्दिकता कम हुई है। शुभकामना संदेशों में भी औपचारिकता ज्यादा रह गई है। दिल से दिल की बात में कमी आई है।


मौका है उत्सव का
वैसे इन दिनों त्योहार का मतलब "ईट, ड्रिंक एंड मैरी" ही रह गया है, लेकिन युवा वर्ग की मानें तो छुट्टी और त्योहार का मतलब ही आनंद और मौज-मस्ती है। इन दिनों युवाओं की नौकरियों का जो आलम है, उसमें वे 15 से 18 घंटे तक काम करते हैं। काम के वक्त उन्हें सांस लेने की भी फुरसत नहीं होती। ऎसे में जब कोई उत्सव मनाने का मौका आता है, तो वे रूटीन से हटकर उसे भरपूर जीना चाहते हैं। उत्सव मनाना, अपनी रोजमर्रा की जिंदगी की परेशानियों को हल करने, उनसे दूर जाने का एक आसान तरीका भी है। वैसे भी जब किसी को कोई बड़ी खुशी मिलती थी या कोई खास मौका होता था तो कहते थे, आज तो दिवाली हो रही है।

बहने बांध रही भाई की कलाई पर स्नेह की डोर


बहने बांध रही भाई की कलाई पर स्नेह की डोर


भाई-बहन के रिश्तों में मिठास घोलता रक्षाबंधन का त्योहार जहां मंगलवार को खुशियों का संचार करता नजर आया वहीं देश के कुछ हिस्सों में बुधवार को भी बहनों ने भाई की कलाई पर स्नेह की डोर बांधी। इस बार राखी बांधने का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त भद्रा समाप्ति के पश्चात रात आठ बजकर 48 मिनट से नौ बजकर दस मिनट तक रहने के कारण जहां कई लोगों ने इस समय का इंतजार किया जबकि दिन में भी लाभ एवं अमृत के चौघडिये में राखी बांधने की होड़ रही। बुधवार को भी शुभ मुहूर्त होने के कारण रक्षा बंधन त्योहार मनाया जा रहा है।

भाई-बहन के रिश्ते को अटूट बनाने वाले इस त्योहार का उल्लास अब भी छाया हुआ है। त्योहार की रौनक घरों बाजारों तक नजर आ रही है। बहने अपने भाइयों की कलाई पर उनके सुख-समृद्धि की कामना करते हुए राखी बांध रही है वहीं भाई अपनी बहनों को खूबसूरत गिफ्ट देते हुए उनकी खुशी को दुगुना कर रहे हैं।

सोशल साइट्स पर भी राखी की धूम

इतना ही नहीं, राखी के त्योहार की खुशी और शुभकामनाओं का दौर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी छाया हुआ है। इस हाइटेक युग में जहां बहनों ने अपने भाइयों को सोशल साइट्स के जरिए राखी के ई-ग्रीटिंग्स भेज रहे हैं, वहीं भाइयों ने भी सोशल साइट्स के जरिए अपनी बहनों को शुभकामनाएं भेजी हैं। फ्रैंड्स भी फेसबुक, ट्वीटर आदि के जरिए एक-दूसरे को राखी की शुभकामनाएं दे रहे हैं। राखी की शुभकामनाओं के एसएमएस भेजने का सिलसिला अब भी जारी है।

मुहूर्त को लेकर रहा उहापोह

धर्मशाçस्त्रयों ने 20 अगस्त को भद्रा के पश्चात रात 8.32 बजे के बाद ही त्योहार मनाने को शास्त्र-सम्मत है। इसे लेकर लोगों में ऊहापोह की स्थिति बनी रही। उदया तिथि को देखते हुए अंतत: 21 अगस्त को ही रक्षाबंधन मनाने का लोगों ने निश्चय किया। कुछ इक्का-दुक्का स्थानों पर ऊहापोह के बीच मंगलवार को ही रक्षा बंधन मनाया ग


विदेश में भी मनाया जाता है रक्षाबंधन

भाई-बहन के बीच अटूट बंधन का प्रतीक रक्षाबंधन देश ही नहीं विदेशों में भी अलग अलग तरीकों से मनाया जाता हैं। सावन की पूर्णिमा पर मनाये जाने वाले रक्षाबंधन को भारत ही नहीं पाकिस्तान, नेपाल एवं मॉरीशस के कुछ हिस्सों में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता हैं।


नेपाल में राखी का त्योहार सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है, लेकिन नेपाल में राखी को जनेऊ कहा जाता है और इस त्योहार को जनेऊ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन घर के बड़े लोग अपने से छोटे लोगों के हाथों में एक पवित्र धागा बांधते हैं। राखी के अवसर पर यहां एक खास तरह का सूप पिया जाता है जिसे कबाती कहा जाता है।


इसी तरह देश के पूर्वी राज्य उड़ीसा में राखी को नमहा पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग गायों और बैलों को सजाते हैं और एक खास तरह की मिठाई और पीठा बनाते हैं जिसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में बांटा जाता है। इस दिन राधा कृष्ण की प्रतिमा को झूले पर बैठाकर झूलन यात्रा भी निकाली जाती है।


इसी तरह महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा में राखी को नराली पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है। इस दिन नारियल को समुद्र देवता को भेंट किया जाता है। समुद्र देवता को नारियल चढ़ानेे के कारण ही इसेे नराली पूर्णिमा कहा जाता है।

उत्तराखंड के कुमाऊ इलाके में रक्षाबंंधन को जानोपुन्यु कहा जाता है। इस दिन लोग अपने जनेऊ को बदलते हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, बिहार और झारखंड में इसे कजरी पूर्णिमा कहा जाता है। यह किसानों और महिलाओं के लिए एक खास दिन होता है।


गुजरात के कुछ हिस्सों में रक्षाबंधन को पवित्रोपन के नाम से मनाया जाता है। इस दिन गुजरात में भगवान शिव की पूजा की जाती है। पश्चिम बंगाल में रक्षाबंधन को झूलन पूर्णिमा के नाम मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण और राधा की पूजा की जाती है साथ ही महिलाएंं अपने भाईयों के अच्छे जीवन के लिए उनकी कलाइयों पर राखी बांधती हैं।

इस त्योहार के शुरूआत का ठीक से कहीं वर्णन नहीं मिलता लेकिन भविष्य पुराण के अनुसार देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानवों के हावी होने से भगवान इन्द्र घबराकर बृहस्पति के पास गए और वहां बैठी इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने मंत्रों की शक्ति का रेशम का धागा इंद्र की कलाई पर बांध दिया। इससे इंद्र दानवों की लड़ाई में विजयी हुुए।


उस दिन श्रावण पूर्णिमा का दिन था और यह माना जाता हैं कि तभी से धागा एवं राखी बांधने की प्रथा चली आ रही हैं। इसी तरह रक्षा बंधन का संबंध सिन्धुघाटी सभ्यता से जुड़ा भी मानते हैं और कहा जाता हैं कि यह परम्परा छह हजार साल पुरानी हैं।

इसी प्रकार मध्यकालीन युग में राजपूत एवं मुगलों के बीच संघर्ष के समय गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से बचने का कोई रास्ता नहीं निकलता देख राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के राजा की विधवा रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भेजी और हुमायूं ने उसकी रक्षा कर उसे बहन का दर्जा दिया। इसी तरह रक्षा बंधन के कई साक्ष्य इतिहास में दर्ज हैं।

Raksha Bandhan Special - बहना के संग

सारी उमर बहना के संग रहना है

 

भाई-बहन के बीच महज धागे बांधने की रस्म नहीं बल्कि प्यार व खुशियों का त्यौहार है, रक्षाबंधन। ऎसे ही नाजुक धागे पर टिके होते हैं रिश्ते भी। भाई-बहन के अटूट बंधन को दर्शाने वाला यह रिश्ता भले एक रिश्ते को मजबूती देने के रिवाज को आगे बढ़ता है, लेकिन इस पर्व की गहराई में जाएं तो यह एक दूसरे के प्रति लगाव को बढ़ाने का भाव दर्शाता है।

प्रेम की इस बयार की खुशबू को फैलाना का काम बॉलीवुड फिल्मों ने भी बखूबी किया है। तभी तो रक्षाबंधन आते ही याद आ जोते हैं वे अनमोल तराने, भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना, फूलों का तारों का सबका कहना है एक हजारों में मेरी बहना है...जो रिश्ते के बंधन को और प्रगाढ़ बनाने का काम करते हैं।


हमारे देश में रिश्तों और फिल्मों का बहुत गहरा संबंध हैं। फिल्में हमारी जिंदगी का आईना होती हैं। इनका हमारे जीवन में इतना प्रभाव है कि रीयल लाइफ को इससे जोड़कर देखना पसंद करते हैं। हिंदी सिनेमा में हर पर्व-त्यौहार पर फिल्में व गाने बनाए गए हैं। समय-समय पर बनी रिश्तों के ताने-बाने को बुनने वाली इन फिल्मों ने दर्शकों, त्यौहारों व सिल्वर स्क्रीन को भी आपस में जोड़ कर रखा है।

राखी के अवसर पर हम ऎसे ही खूबसूरत गीतों और उनमें दर्शाए गए रिश्तों पर फोकस करने वाली एक कहानी बुन रहे हैं।


छोटी बहन (1959)

इस फिल्म में एक्ट्रेस नंदा अपने भाई बलराज साहनी के साथ राखी सेलेब्रेट करती है। फिल्म का एक सीन जिसमें नंदा, बलराज साहनी और रहमान होते हैं। बीच मे राखी से सजी थाली रखी होती है और वह दोनों का हाथ पकड़े हुए होती है। इस फिल्म में भाई बहन पर फिल्माया गया गाना आज भी फैंस की जुबां पर सुनने को मिलता है।

सॉन्ग : भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना...


अनपढ़ (1962)

बलराज साहनी व माला सिन्हा स्टारर फिल्म (अनपढ़) में भाई बहन के रिश्ते को बहुत ही प्रभावित ढंग से पेश किया गया। इसमें माला ने बलराज की बहन को रोल अदा किया। एक दृश्य के दौरान माला सिन्हा अपने भाई को राखी बांधकर उसकी आरती उतारती है। यह इस फिल्म का बहुत ही इम्प्रेसिव सीन है। इसमें भाई बहन के रिश्ते को लेकर एक गाना भी फिल्माया गया।

सॉग : रंग बिरंगी राखी लेकर आई बहना, राखी बँधवा लो मेरे वीर रे...


अंजाना (1969)

राजेन्द्र कुमार, बबीता स्टारर इस फिल्म में राजेन्द्र अपनी बहन की ओर देखता रहता है। बहन हाथ में राखी से सजी थाली लिए हुए होती है। वह अपने भाई को बताती है कि उसकी लाइफ में उसका बहुत महत्व है। उसके बिना उसका जीवन अधूरा है।

सॉन्ग : हम बहनों के लिए ऎसा पर्व आता है इक दिन साल में...


बेईमान (1972)

मनोज कुमार स्टारर यह फिल्म भी भाई बहन के प्यार को बखूबी बयां करती है। मनोज अपनी बहन से राखी बंधवाते हैं। दोनों बहन-भाई राखी की ओर एकटक लगाकर देखते रहते हैं। इस फिल्म में राखी के बंधन की तुलना चांद और किरण से की गई है।

सॉन्ग : ये राखी बंधन है ऎसा, जैसा चांद और किरण का...


रेशम की डोरी (1974)

फिल्म के टाइटल से प्रतीत होता है फिल्म रक्षाबंधन पर आधारित है। सायरा बानो, धर्मेन्द्र स्टारर यह फिल्म बहुत ही इमोशनल है। फिल्म के कई सीन दर्शकों बहुत भावुक करते हैं। इस फिल्म का राखी के अवसर पर फिल्माया गीत बहुत ही पॉपुलर है।

सॉन्ग : बहना के भाई की कलाई पर प्यार बाँधा है...


चंबल की कसम (1980)
मनोज कुमार स्टारर फिल्म में बहन चांद के जरिए भाई को संदेश भेजती है। वह चांद को कहती है मेरे भाई से कहना बहन तुझे याद कर रही है। गाने के जरिए फिल्म में पेश किया गया दर्शकों के बीच यह संदेश काफी सराहा गया।

सॉन्ग : चंदा रे, मेरे भैया से कहना, बहन को याद करे...


प्यारी बहना (1985)

इस फिल्म में तन्वी आजमी ने मिथुन चक्रवर्ती की बहन को रोल अदा किया। एक सीन के दौरान तन्वी हाथ में थाली लिए हुए होती है। तिलक लगाकर लगाकर आरती उतारती है। मिथुन मुस्कराते हुए बहन से राखी बंधवाते हैं। इसमे फिल्माया गया यह सीन दर्शकों के दिल को छु लेता है।

सॉन्ग : ओ मेरे प्यारी बहना, मैं तेरे भैया भी, मै तेरी मय्या भी, बाबुल भी हूं मैं तेरा...


प्यार किया तो डरना क्या (1998)
यह फिल्म आज भी प्यार भाई बहन के प्यार की मिसाल पेश करती है। इसमें काजोल और अरबाज खान पर फिल्माया राखी का सीन दर्शकों काफी प्रभावित करता है। काजोल को अरबाज के तिलक लगाते जो सीन फिल्म में पेश किया गया है उससे देखकर हर भाई को अपनी बहन और प्रत्येक बहन को अपने भाई की याद आ जाती है।

हरे रामा हरे कृष्णा (1971)
देवआनंद, जीनत अमान और मुमताज जैसे बड़े सितारों से सजी इस फिल्म में राखी का सीक्वेंस भले नहीं फिल्माया गया हो, लेकिन फिल्म के गीत ने भाई बहन के रिश्ते को इतना मजबूत बनाया कि इससे खूबसूरत गीत इस रिश्ते पर आज नहीं बना। लता मंगेशकर का गाया यह गीत अब तक कानों में रिश्तों की मिठास को घोलता है।

सॉन्ग : फूलों का तारों को सबको कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है

जन्माष्टमी स्पेशल: ऑनस्क्रीन भगवान की "लीला"

जन्माष्टमी स्पेशल: ऑनस्क्रीन भगवान की "लीला"

त्यौहारों के सीजन में पहनावा, खानपान के साथ मस्ती भरा संगीत, धूमधाम हो तो त्यौहार का मजा दुगना हो जाता है। जब बात करें धूमधाम की तो बॉलीवुड को कैसे भूल सकते है।


चाहे कृष्ण जन्माष्टमी हो या फिर गणेश चतुर्थी, समय समय पर फिल्म निर्माताओं ने फिल्मों के माध्यम से दर्शकों को धर्म को मैसेज दिया और दर्शकों में भगवान के प्रति आस्था जगाई।


एक समय था जब लोग पुराणों के माध्यम से राम, कृष्ण, शिव और गणेश की गाथा सुना करते थे। वहीं गाथाएं अब हमें फिल्मी पर्दे व छोटे पर्दे के माध्यम से जानने को मिलती है। फिल्म निर्माताओं ने भगवान कृष्ण, राम आदि पर कई फिल्में बनाई।


जन्माष्टमी के अवसर पर पत्रिका.कॉम विशेष रूप से लेकर आया है वे खास फिल्में जो सिनेप्रेमियों को ईश्वर से जोड़े रखती है।

कृष्ण और कंस (2012)
इस एनिमेशन फिल्म में कृष्ण और कंस की पौराणिक कथा को बहुत ही अच्छे ढंग से पेश किया गया है। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह कंस देवकी की सात बच्चों का वध करता है। फिल्म में कृष्ण की बाल लीलाओं को बहुत ही रोचकता पूर्वक पेश किया गया है। फिल्म आज भी बच्चों को बांधकर रखती है। इसमें कृष्ण और कंस की लीलाओं को 3डी में पेश किया गया है।


ओह माई गॉड (2012)
अक्षय कुमार स्टारर इस फिल्म में बताया गया है कि परेश रावल भगवान पर केस कर देता है। इस मामले में उसकी कोई मदद नहीं करता है। फिर अक्षय बने भगवान उसकी सहायता करते है। बाद में उसे एहसास होता है कि भगवान होते है। इस फिल्म में मंदिरों में फैले भ्रष्टाचार, पूजा पाठ, कर्मकाण्ड आदि को दिखाया गया है। भगवान के रोल में अक्की खूब जमे है।


लिटिल कृष्णा (2009)
इस एनिमेशन फिल्म में बाल कृष्ण की कहानी पेश की गई। इसमें लिटिल कृष्णा को बड़ा होने के साथ-साथ उसकी लीलाओं को पेश किया गया है। सत्य घटनाओं के साथ कहानी मनोरजंनात्मक दिखाई गई है।


राम तैरी गंगा मैली (1985)
डायरेक्टर राजकपूर की फिल्म राम तेरी गंगा मैली का कृष्ण राधा पर फिल्माया गया गाना इक राधा इक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा... बेहद पॉपूलर हुआ था। इस गाने कृष्ण के प्रति राधा व मीरा के प्रेम के दर्शाया गया है। फिल्म ने हमेशा दर्शकों के दिल पर राज किया।


हरे राम हरे कृष्ण (1971)
देवानंद, जीनत अमान स्टारर फिल्म में ड्रग्स के खिलाफ संदेश देते हुए पश्चिमीकरण की समस्याओं को दिखाया गया था। देवानंद की खोज जीनत अमान इस नशे में डूब जाती है। फिल्म का गाना "दम मारो दम" बेहद लोकप्रिय हुआ था।


बाल गणेशा (2007)
इस फिल्म मे गणेश जी के बाल रूप को फिल्माया गया है। वे अपने बालक स्वरूप में ही सभी देवताओं को वश में कर लेते हैं। वे बहुत शक्तिशाली, बुद्धिमानी होते है। साथ ही वे बहुत नटखट, मासूम भी होते है जो दर्शकों खासकर बच्चों का दिल जीतने में कामयाब रहते है।


ओ माई फेंड गणेशा (2007)
राजीव एस रूईया निर्देशित इस फिल्म एक ऎसे 8 वर्षीय बच्चे की कहानी पेश की गई है जो अकेलापन महसूस करता है। उसके कोई फ्रेंड नहीं होता है। बाद में जब उसे गणेश की महिमा जानने को मिलती है वह उनकी आराधना करता है। गणेश उसके दोस्त बन जाते है और उसकी सारी समस्याएं दूर हो जाती है। फिल्म में बाल गणेश की कहानी को बहुत ही रोचक रूप से दर्शाया गया है।


छोटा पर्दो भी रहा कामयाब
भगवान की लीला को दर्शाने में छोटा पर्दा भी पीछे नहीं रहा। टीवी पर रामायण, महाभारत, श्रीकृष्ण जैसे सीरियल पेश किए है। इन सीरियल्स में पौराणिक कथाओं को पेश किया गया। अभी भी जब रामायण, देवों के देव महादेव आदि टीवी सीरियल आते है वे दर्शकों का मन मोह लेते है। 

Gandhi Jayanti Special

बॉलीवुड के हर दौर में यादगार, बापू का किरदार

दर्शन, विचार, आदर्श व्यक्तित्व का नाम आते ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की याद आती है। 2 अक्टूबर 1869 को जन्मे महात्मा गांधी ऎसी शख्सियत थे, जिनका प्रभाव हर क्षेत्र में रहा। यही वजह है कि कोई क्षेत्र उनसे अछूता नहीं रहा। भले ही वह हिंदी सिनेमा या बॉलीवुड ही क्यों न हो?


फिल्म निर्माताओं ने हर दौर में गांधी पर बनी फिल्में दर्शकों के समक्ष पेश की और इन फिल्मों के माध्यम से समाज को संदेश दिया। गांधीजी स्वयं एक दस्तावेज थे जो फिल्म निमाताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने और इसी प्रेरणा को निमाताओं ने ऑनस्क्रीन पेश किया। इन फिल्मों के जरिए संदेश देने के साथ-साथ फिल्म निर्माताओं ने व्यंग्य भी पेश किए।


वैसे तो गांधी के जीवन पर कई डॉक्यूमेंट्रीज व फिल्में बनी। रिचर्ड एटनबरो की फिल्म "गांधी" से लेकर राजू हिरानी की "लगे रहो मुन्नाभाई" सिनेमाघरों में गांधी की आंधी चली। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर गांधी के नाम पर बनी कुछ खास फिल्में लेकर आया है पत्रिका डॉट कॉम



गांधी (1982)

महात्मा गांधी के नाम पर बनी फिल्मों में सबसे पहले नाम आता है तो वह फिल्म "गांधी"। रिचर्ड एटनबरों की इस फिल्म ने गांधी को ऑनस्क्रीन जिंदा कर दिया। इस फिल्म के जरिए फिल्म निर्माता लाखों दर्शकों को दिल जीता। इस फिल्म के एक सीन को कभी नहीं भूल सकते। वह है गांधी के अंतिम संस्कार में उमड़े जन सैलाब का। कहते है कि जब इस सीन की शूटिंग की गई थी तब 4 लाख लोग इकट्ठा हुए थे। जबकि केवल 25 हजार बतौर एकस्ट्रा कास्ट किया गया था और इन्हें ही सीन की पगार दी गई थी लेकिन इतनी भीड़ का इकट्ठा होना गांधीजी के प्रति प्यार था। बेन किंग्सले ने गांधी के किरदार में जान डाल दी थी।

स्टारर : बेन किंग्सले, रोहिणी हटंगणी।


गांधी माई फादर (2007)

फिरोज अब्बास खान निर्देशित इस फिल्म में महात्मा गांधी और उनके बेटे के कटु रिश्तों को फोकस करते हुए बेटे की मनोस्थिति दशाई गई है। इस फिल्म को नेशनल फिल्म अवॉर्ड में तीन अवॉर्ड मिले। एशिया पैसेफिक अवाडर्स समारोह में बेस्ट स्क्रीनप्ले का अवॉर्ड मिला। दर्शन जरीवाला को बेस्ट सपोर्टिग एक्टर का अवॉर्ड मिला।

स्टारर : अक्षय खन्ना, भूमिका चावला, शेफाली शाह, दर्शन जरीवाला


गांधी की शादी में जरूर आना

डायरेक्टर प्रणव धीवर की फिल्म "गांधी की शादी में जरूर आना" एक रोमेंटिक कॉमेडी फिल्म है। इसमें महात्मा गांधी और कस्तुरबा गांधी की लवस्टोरी पेश की गई है। इस फिल्म के विषय को लेकर विवाद भी हुए थे।


द मेकिंग ऑफ महात्मा (1996)

श्याम बेनेगल निर्देशित यह फिल्म महात्मा गांधी के शुरूआती जीवन की कहानी बयां करती है। गांधी जी के साउथ अफ्रीका में बिताये हुए 21 साल। महात्मा का किरदार निभाने के लिए रजित कपूर को बेस्ट ऎक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था।

स्टारर: रजत कपूर, पल्लवी जोशी


बाबा साहेब अम्बेडकर (2000)

जब्बार पटेल की फिल्म "बाबा साहेब अम्बेडकर" असहयोग आन्दोलन की नीति और भूख हड़ताल को पेश किया गया है। इसमें नकारात्मक पहलु पेश किया गया है। ममूठी ने इस फिल्म के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता था।

स्टारर: ममूटी, मोहन गोखले, सोनाली कुलकर्णी


हे राम (2000)

साउथ स्टार कमल हासन की फिल्म हे राम में नकारात्मक दृष्टि कोण पेश किया गया है। इसमें धर्म के नाम पर हिंसा दिखाई गई है। हालांकि गांधी का सकारात्मक रूप पेश किया गया है। यह तमिल फिल्म ओ राम का हिंदी वर्जन है।

स्टारर : कमल हासन, शाहरूख खान, रानी मुखर्जी


मैने गांधी को नहीं मारा (2005)

निर्देशक जानू बरूआ की फिल्म "मैंने गांधी को नहीं मारा" डिमेंशिया जैसी बीमारी से पीडित एक प्रोफेसर की कहानी पेश की गई है। उस प्रोफेसर को भ्रम होता है कि उसने गांधी को मारा है। अनुपम खेर इस किरदार में बिल्कुल फिट बैठे है।

स्टारर : अनुपम खेर, उर्मिला मातोंडकर


लगे रहो मुन्नाभाई (2006)

राजू हिरानी की फिल्म "लगे रहो मुन्नाभाई" ने दर्शकों को दिल जीत लिया। फिल्म में गांधीगिरी को दमदार तरीके से पेश किया है। फिल्म को जब जब भी देखते है ऎसा लगता है कि गांधीजी साक्षात हमें सत्य और अहिंसा की प्रेरणा दे रहे है। फिल्म के माध्यम से संदेश दिया गया है कि महात्मा गांधी की सत्य व अहिंसा की प्रेरणा से फिल्म का नायक अपनी जंग जीतता है और लोगों में लोकप्रिय होता है। फिल्म में कॉमेडी अंदाज के साथ बहुत प्रभावशाली मैसेज दर्शकों तक पहुंचाया गया है।

स्टारर: संजय दत्त, अरशद वारसी, विद्या बालन, बोमन ईरानी


रोड टू संगम (2009)

अमित रॉय निर्देशित इस फिल्म में एक मैकेनिक की कहानी दिखाई गई है जो एक कार की मरम्मत करता है और फिर उस पर गांधी की अस्थियां रखकर ले जाता है जिन्हें त्रिवेणी संगम में विसर्जित किया जाता है। वह मैकेनिक मुसलमान होता है। इस फिल्म के जरिए संदेश दिया गया है कि हिंदू और मुसलमानों एक साथ सहयोग से देश को प्रगति के पथ पर ले जाया जा सकता है।

स्टारर: परेश रॉवल, ओम पूरी, पवन मल्होत्रा


डॉक्यूमेंटीज

गांधीजी के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंटीज में से महात्मा: लाइफ ऑफ गांधी और महात्मा गांधी ट्वेटिन्टएथ सेंचूरी यह दोनों बहुत चर्चित रही। लाइफ ऑफ गांधी में गांधीजी के जीवन की घटनाओं और उनके सिद्धांतों का वृत्त चित्र प्रस्तुत किया गया है।


केवल दो फिल्में देखी

गांधीजी के नाम पर कई फिल्में बनी जो दर्शकों के लिए प्रेरणादायक रही। गांधीजी ने अपने जीवन में केवल मात्र दो फिल्म देखी। वे हैं मिशन टू मास्को और रामराज्य। भले ही उन्होंने दो फिल्में देखी हो लेकिन वे देश में एक ऎसी पहचान, शख्शियस है जिसको ऑनस्क्रीन और ऑफस्क्रीन कभी नहीं भूलाया जा सकता।

Saturday, October 26, 2013

छोटे सितारों की बड़ी दिवाली

छोटे सितारों की बड़ी दिवाली
जगमग-जगमग आया दिवाली का त्योहार। धूम-धड़ाके और मिठाइयों के इस प्यारे त्योहार का बच्चों-बड़ों सभी को साल भर इंतजार रहता है। मस्ती और धूम-धड़ाके के साथ सब कुछ नया-नया जो हो जाता है। घर की साफ-सफाई के बाद परदे, फर्नीचर, कपड़े आदि सब होता है नया-नया। चारों ओर होती है रोशनी की जगमगाहट। आकाश को छूने पहुंचती हैं रंग-बिरंगी हवाइयां और अनार-फुलझड़ियां खिलकर खुशी का इजहार करती हैं। चॉकलेट, मिठाइयां, गिफ्ट्स इतना सब कुछ परीलोक की कल्पना सा लगता है। इस त्योहार को मनाने का अंदाज हर किसी का अपना ही है। खुशी और मस्ती वही अच्छी होती है, जो दूसरों को भी उल्लास से भर दे।
टीवी प्रोग्राम, फिल्मों व विज्ञापनों में काम कर जो सिलेब्रिटीज अपनी अलग पहचान बनाते हैं, उनके बारे में जानने-सुनने की इच्छा तो होती ही है। आपके कुछ छोटे-छोटे दोस्त ऐसे भी हैं, जो आपकी तरह स्कूल जाते हैं, खेलते हैं और साथ ही टीवी-फिल्मों आदि में काम कर उन्होंने बनाई है अपनी अलग पहचान। वे बच्चे दिवाली के पावन त्योहार को कैसे मनाते हैं, क्या आप नहीं जानना चाहेंगे?

स्पर्श खानचंदानी

 मुझे आपने कलर्स के सीरियल ‘उतरन’, सोनी पर सीरियल ‘सी.आई.डी.’, जी टीवी के सीरियल, स्टार वन पर ‘दिल मिल गए’, सोनी चैनल पर ‘क्राइम पेट्रोल’, सोनी पर ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘तीन का तड़का’, स्टार वन पर ‘लाफ्टर के पटाखे’ और कुछ फिल्मों में देखा है। इनके अलावा डांस शो ‘जरा नच के दिखा’ आदि कई जगह परफॉर्मेस दी हैं। मुझे कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। एक बात और बता दूं कि मुझे पढ़ाई के लिए भी अवॉर्ड मिला है। जितना पढ़ने का शौक है, उतना ही त्योहारों का भी इंतजार करती रहती हूं। मुझे त्योहारों पर बहुत मजा आता है, हर त्योहार पसंद है। दिवाली क्यों मनाई जाती है, यह मुझे मां ने कथा सुनाकर बताया है। दिवाली पर मुझे घर में बनी मिठाइयां खानी पसंद हैं। नए कपड़े, सजी रंगोली व पटाखे पसंद हैं। अभी तक तो मैं खूब पटाखे छोड़ती थी। मगर यह दिवाली विशेष रूप में मनाऊंगी, क्योंकि मेरी स्कूल प्रिंसिपल ने पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में बताकर हम सभी बच्चों की आंखें खोल दी हैं। इस बार दिवाली पर नए कपड़े, मिठाइयां, दीप-बत्ती, रंगोली सब होगा, पर हम सब दोस्तों और हमारे घर के लोगों ने सोचा है कि इस बार हम पटाखे नहीं चलाएंगे। छोटे सितारों की रुचियां, उनके काम के बारे में जानकर आपको खुशी जरूर मिली होगी। बेशक इन दोस्तों से मुलाकात करना आसान नहीं है, मगर उनके बारे में आप तक समय-समय पर जानकारियां पहुंच ही जाती हैं।  

राज समारिया
आपकी अंतरा’ सीरियल में मैं अभिषेक बना था, अंतरा का भाई। वैसे मैंने बहुत से विज्ञापनों में काम किया है। एमेजिन टीवी का सीरियल है ‘रक्त संबंध’। मैं अभी दो फिल्मों में भी काम कर रहा हूं। पहली फिल्म देओल परिवार के साथ है ‘यमला पगला दीवाना’ और दूसरी फिल्म अभिषेक बच्चन जी व विद्या बालन जी के साथ है ‘दम मारो दम’। मुझे भी दिवाली बहुत प्रिय है। खास तौर से चारों ओर रोशनी देखकर मुझे बहुत खुशी मिलती है। उस दिन मैं अपनी पसंद के नए कपड़े पहनता हूं। वैसे आप सबकी तरह मुझे पटाखे चलाना भी पसंद है। घर में बहुत से दीए जलाकर मैं भी मिठाई खाता हूं। जब मैं मिठाई खा रहा होता हूं तो मुझे अनाथालय में रह रहे मासूम बच्चों का हमेशा ध्यान आता है। उनके लिए मिठाइयां लेकर अपनी दादी जी के साथ उनके पास जाता हूं। कुछ समय दिवाली का उनके साथ भी बिताता हूं। फिर घर आकर मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा करता हूं कि वे हमें खूब सारे पैसे व खुशियां दें। फिर दोस्तों के साथ दिवाली खूब मजे से मनाता हूं। ऐसी दीवाली मनाता हूं, जो मुझे हमेशा याद रहती है।  

आरव  अविनाश वेल्हल
दोस्तो, मैं सीरियल में जितना शैतान दिखाया जाता हूं उतना तो नहीं, पर कुछ शैतान तो हूं। हां, ठीक पहचाना ‘आपकी अंतरा’ सीरियल में मैं बिल्लू बना था। इसके अलावा मैंने विपुल शाह प्रोडक्शन ‘जरा जी के दिखा’ व फिल्म ‘सर्कस’ में भी काम किया है। एनडी टीवी के सीरियल ‘रक्त संबंध’ में भी काम किया है। कई विज्ञापनों में तो काम किया ही है। जल्दी ही आप मुझे कलर्स पर आने वाले ‘मिट्टी की बन्नो’ में देखेंगे। हां, तो भई दिवाली पर जो मजा पटाखों से आता है, उसके मुकाबले तो कोई चीज हो नहीं सकती। फिर भी पटाखों के नुकसानों के बारे में अपने स्कूल से जानने के बाद हम सब दोस्तों ने पक्का इरादा किया है कि हम भी वातावरण को साफ रखने में मदद करेंगे। इस बार हम तेज आवाज वाले पटाखे और पोल्यूशन फैलाते पटाखे नहीं चलाएंगे। बल्कि ईको फ्रेंडली क्रैकर्स जो बाजार में आए हैं, वे चलाएंगे, जिससे वातावरण साफ रहे और हमें पटाखों का मजा भी आए। मैं आप सबसे भी यही कहना चाहता हूं कि दोस्तो, आप भी ऐसा ही करें। केवल मेरे ऐसा करने से नहीं चलेगा, हम सबके द्वारा वातावरण के बारे में सोचने पर बनेगी बात। आप सबको दिवाली मुबारक!  

उल्का गुप्ता

जी टीवी के सीरियल ‘झांसी की रानी’ के बचपन का रोल निभाने के कारण मेरी पहचान खास बनी है। वैसे मैंने स्टार वन के सीरियल ‘रेशम डंक’ और जी टीवी के ‘सात फेरे’ में भी काम किया है। कई विज्ञापन किए हैं। मैं बचपन से ही बहुत शैतान थी। पूरा साल मुझे दिवाली का इंतजार रहता है। दिवाली के दिन तो मुझे बहुत शैतानी सूझती है। मैं इतने पटाखे चलाती हूं कि आसपास के लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं। बचपन से तो पटाखे चलाती ही थी। अब जब मैंने झांसी की रानी सीरियल में झांसी की रानी के बचपन का रोल किया है, तो लोग मुझे देखकर मेरे पास आ जाते हैं। अब मेरे पटाखे चलाने से किसी को कोई दिक्कत नहीं है।  

जाइना व जिया वास्तानी

जी टीवी के सीरियल ‘आपकी अंतरा’ में मैं अंतरा बनी थी। सब टीवी के सीरियल ‘अम्मा जी की गली’ में हम दोनों बहनें हैं। अभी ‘ब्रेक के बाद’ फिल्म में जाइना ने दीपिका पादुकोण के बचपन का रोल निभाया है। दिवाली मनाना हमें अच्छा लगता है, सबसे अच्छा इसलिए भी लगता है, क्योंकि त्योहार मनाने के लिए स्कूल से छुट्टियां मिलती हैं। दिवाली का त्योहार हमें अच्छा लगता है क्योंकि इसमें सारी जगह रोशनी-रोशनी होती है। वह देखने में बहुत अच्छी लगती है। हम नए सुंदर कपड़े पहनकर नानी के घर जाते हैं। नानी हमें चॉकलेट और गिफ्ट्स देती हैं। वहां जाकर रात को पटाखे चलाते हैं।  

दर्शील सफारी

फ्रेंड्स, आप मुझे आमिर अंकल की फिल्म ‘तारे जमीं पर’ के बाद से जानने लगे हैं। इसमें मैं ईशान बना था। वैसे मैंने ‘बम बम बोले’ फिल्म की थी। इनके अलावा कई शो व ईवेंट किए हैं। मेरी आने वाली वॉल्ट डिज्नी की फिल्म ‘जोकोमोन’ है। इसे देखकर आपको बहुत मजा आएगा। आप जोकोमोन को जरूर पसंद करेंगे। फ्रेंड्स, मैं आज भी दिवाली उसी उमंग, उसी उत्साह से मनाता हूं, जैसे मैं स्टार बनने से पहले मनाया करता था। इस खुशी के मौके पर परिवार के सभी लोग इकट्ठे होते हैं, आपस में मिलते हैं। हम सब मिलकर दिवाली मनाते हैं, तो जो खुशी मिलती है उसे शब्दों में नहीं बता सकता। दिवाली के दिन हमारे घर में अच्छे-अच्छे पकवान बनते हैं। कभी-कभी हम किसी फेवरेट खाने की जगह जाकर भी दिवाली सेलिब्रेट करते हैं। दिवाली पारंपरिक त्योहार है। मुझे इसे पारंपरिक रूप में मनाना ही अच्छा लगता है।

Wednesday, October 23, 2013

निर्जल व्रत में ही छिपा है दो दिलों का मिलन

निर्जल व्रत में ही छिपा है दो दिलों का मिलन

भारत में शादी सिर्फ दो इंसानों के बीच का संबंध नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है. जिस शादी से दो इंसानों और परिवारों की डोर बंधी हो उसे निभाने के लिए कई तरह के रीति-रिवाज होते ही हैं. उन्हीं में से एक है करवाचौथ. यह पर्व कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर उत्तर भारतीय परिवारों खासकर उत्तर-प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में पूरी परंपरा और उल्लास से मनाया जाता है.
karva chauth 1क्यों रखा जाता है करवा चौथ का व्रत- What is Karva Chauth
असल में करवा चौथ (Karva Chauth) मन के मिलन का पर्व है. इस पर्व पर महिलाएं दिनभर निर्जल उपवास रखती हैं और चंद्रोदय में गणेश जी की पूजा-अर्चना के बाद अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं. व्रत तोड़ने से पूर्व चलनी में दीपक रखकर, उसकी ओट से पति की छवि को निहारने की परंपरा भी करवा चौथ पर्व की है. इस दिन बहुएं अपनी सास को चीनी के करवे, साड़ी व श्रृंगार सामग्री प्रदान करती हैं. पति की ओर से पत्‍‌नी को तोहफा देने का चलन भी इस त्यौहार में है.


करवा चौथ पर्व की पूजन सामग्री- Karva Chauth Pooja Thali Ingredients
मेंहदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, सिन्दूर, बिछुआ, कुंकुम, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, चंदन, अक्षत (चावल), मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ, दक्षिणा के लिए पैसे.

रात 8.06 बजे होगा चंद्रोदय- Karva Chauth 2013 Moonrise Timing
करवा चौथ (Karva Chauth) पर 22 अक्टूबर को उच्च राशि वृषभ का चंद्रमा है. साथ ही अंगारक योग (अंगारक चतुर्थी) भी है. मंगलवार को चतुर्थी आने से यह योग बन रहा है. इस दिन उदयकालीन तिथि तृतीया रहेगी और चंद्रोदय रात 8.06 बजे होगा. उच्च राशि का चंद्रमा और चंद्रोदय के समय लाभ का चौघड़िया भी है. यह सभी योग होने से व्रत का पुण्य और फलदायी रहेगा.


करवा चौथ पर्व की पूजन प्रक्रिया- Karwa Chauth Puja Method
जिस दिन करवा चौथ (Karva Chauth) है उससे संबंधित प्रयुक्त होने वाली संपूर्ण सामग्री एकत्रित कर लें. इस दिन सुबह जल्दी स्नानादि करने के बाद यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें.

मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये.
पूरे दिन निर्जल रहते हुए व्रत को संपूर्ण करें और दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें. चाहे तो आप पूजा के स्थान को स्वच्छ कर वहां करवा चौथ का एक चित्र लगा सकती हैं जो आजकल बाजार से आसानी से कैलेंडर के रूप में मिल जाते हैं. हालाकि अभी भी कुछ घरों में चावल को पीसकर या गेहूं से चौथ माता की आकृति दीवार पर बनाई जाती है. इसमें सुहाग की सभी वस्तुएं जैसे सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, कंघा, शीशा, चूड़ी, महावर आदि बनाते हैं. सूर्य, चंद्रमा, करूआ, कुम्हारी, गौरा, पार्वती आदि देवी-देवताओं को चित्रित करने के साथ पीली मिट्टी की गौरा बनाकर उन्हें एक ओढ़नी उठाकर पट्टे पर गेहूं या चावल बिछाकर बिठा देते हैं. इनकी पूजा होती है. ये पार्वती देवी का प्रतीक है, जो अखंड सुहागन हैं. उनके पास ही एक मिट्टी के करूए(छोटे घड़े जैसा) में जल भरकर कलावा बांधकर और ऊपर ढकने पर चीनी और रुपए रखते हैं. यही जल चंद्रमा के निकलने पर चढ़ाया जाता है.
करवा चौथ (Karva Chauth) की कथा सुनते समय महिलाएं अपने-अपने करूवे लेकर और हाथ में चावल के दाने लेकर बैठ जाती हैं. कथा सुनने के बाद इन चावलों को अपने पल्ले में बांध लेती हैं और चंद्रमा को जल चढ़ाने से पहले उन्हें रोली और चावल के छींटे से पूजती हैं और पति की दीर्घायु की कामना करती हैं. कथा के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासूजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें. रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें. इसके बाद पति से आशीर्वाद लें. उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें.

पूजा के लिए मंत्र- Karva Chauth Puja Mantra
‘ॐ शिवायै नमः‘ से पार्वती का, ‘ॐ नमः शिवाय‘ से शिव का, ‘ॐ षण्मुखाय नमः‘ से स्वामी कार्तिकेय का, ‘ॐ गणेशाय नमः‘ से गणेश का तथा ‘ॐ सोमाय नमः‘ से चंद्रमा का पूजन करें.


सजने सवंरने का दिन-Karva Chauth Makeup
करवा चौथ (Karva Chauth) के दिन शाम को सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए नई दुलहन की तरह सजती-संवरती है. इसमें 18 साल से लेकर 75 साल की महिलाएं होती हैं. उत्तर भारत में कई जगह कुंवारी लड़कियां शिव की तरह पति की चाहत में व्रत रखती हैं. यह एक ऐसा मौका होता है जहां महिलाएं खुद को सजाने में कोई कमी नहीं रखतीं. करवाचौथ पर सजने के लिए एक हफ्ता पहले ही बुकिंग होनी शुरू हो जाती है. ब्यूटी पार्लर अलग-अलग किस्म के पैकेज की घोषणा करते हैं. आभूषण और कपड़ों की दुकानों में काफी भीड़ देखने को मिलती है. इस दौरान बाजारों में भी चहलकदमी बढ़ जाती है. करवाचौथ पर मेहंदी का बाजार लाखों के पार बैठता है. सुबह से लेकर शाम तक महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगवाने के लिए कतार में खड़ी रहती हैं.

बदल गई परंपरा
माना कि परंपरा के अनुसार पतियों का व्रत रखना जरूरी नहीं है लेकिन इस तरह की परंपरा विकसित हो रही है जहां पत्नी के साथ-साथ पति भी व्रत रख रहे हैं. इसीलिए करवाचौथ अब भारत में केवल लोक-परंपरा नहीं रह गई है. पौराणिकता के साथ-साथ इसमें आधुनिकता का प्रवेश हो चुका है और अब यह त्यौहार भावनाओं पर केंद्रित हो गया है. आज पति-पत्नी न केवल एक दूसरे के लिए भूखे रहते हैं बल्कि उपहारों का भी आदान-प्रदान होता है. लिहाजा दोनों ही एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए उपहार खरीदते हैं.

Dosti Shayari



Cute Shayari for Friends
Hum Itne Sweet Nahi, Ki Diabeties Hojaye!
Na Itne Salty Ki, B.P. Badha Jaye!!
Na Itane Tasty Ki Maza Aajaye,
Par Itne Kadwe Bhi Nahi Ki Yaad Na Aye!
Dosti Shayari
Dil tootna sazaa hai mohabbat ki,
dil jodna ada hai dosti ki.
Maange jo kurbani woh hai mohabbat,
jo bin maange ho jaye kurban wo hai dosti hamari…
Pyar aur Dosti
Dost aisi tadap hai jo dil se nahi nikala jata,
Dil mein chupi aag ko bujahaya nahi jata,
Kitni bhi duri ho dosti mein,
Aap jaise dost ko bhulaya nahi jata…
Dosti Shayari
\Khushiyon Per Fizaon Ka Pehra Hai
Na Jane Kis Umeed Pe Dil Thehra Hai
Aapki Aankhon Se Jhalakte Dard Ki Qasam
Ye Dosti Ka Rishta Pyar Se Bhi Gehra Hai..
Dosti Shayari
Sadgi Main Ek Ada Itni Pyari Lagi
Apki Dosti Humko Subse Nirali Lagi
Yeh Na Tootay Kabhi Yahi Dua Hai
Kyn Ke Yahi Is Duniya Mai Hum Ko Hamari Lagi..
Dard Shayari
Khuda Ki Banai Qudrat Nahi Dekhi
Dilon Main Chupi Dolat Nahi Dekhi
Jo Kehta Hai Doori Se Mit Jati Hai Dosti
Us Ney Shayud Hamari Dosti Nahi Daikhi…
Dosti Shayari
Jasbaate Ishq Naakaam Naa Hone Denge,
Dil Ki Duniya Mein Kabhi Shaam Naa Hone Denge,
Dosti Ka Har Ilzaam Apne Sar Par Le Lenge,
Par Dost Hum Tumhe Badnaam Na Hone Denge…
Dosti Shayari
Mehfil main kuch to sunana padta hai,
Gham chupakar muskurana padta hai,
kabhi unke hum bhi the dost,
Aaj kal unhe yaad dilana padta hai…
Dosti Shayari
Ansu Bahe To Ehesas Hota Hai,
Dosti k Bina jiwan kitna Udas Hota Hai,
Umar Ho Apki Chand jitni lambi,
Aap jaisa Dost kaha Har kisi k Paas Hota Hai…
Dosti Shayari
Kamyabi Badi Nahi Paane Wale Bade Hote Hai.
Zakhm Bade Nahi Bharne Wale Bade Hote Hai.
Itihas K Har Panne P Likha Hai.
Dosti Badi Nahi Nibhane Wale Bade Hote Hai…
Dosti Shayari
Dooriyon se farak nahi padta,
Baat to ddilon ke nazdikiyon se hoti hai,
Dosti aap jaise kuch khaas logon se hoti hai,
Warna mulaqat to na jaane roz kitne logon se hoti hai…
Dosti Shayari
Dosti wo ehsaas hai jo mit nahi sakta,
Dosti wo parwat hai jo jhuk nahi sakta,
iski kimat kya hai ye mujhse pucho,
Ye wo anmol moti hai jo beekta nahi…
Dosti
Hansi chupana kisi ko gawara nahi hota,
Har musafir zindagi ka sahara nahi hota,
Milte hain log is tanha zindagi mein par,
Har koi dost tumsa pyaara nahi hota…
Dosti Shayari
Dosti to ek sahil hai tufanon ke liye,
Dosti ek aaina hai armanon ke liye,
Dosti ek mehfil hai anjano ke liye,
Dosti ek khwaish hai aap jaisa dost paane ke liye…
Dosti Shayari
Faasle mitake dilon me pyaar rakhna,
Dosti ka rashta yunhi bekarar rakhna,
Maana ki bahut pyaare pyaare dost hain aapke,
Par un sab ke baad is nacheez ko bhi yaad rakhna…
Dosti Shayari
Kuch Rishte Anjane Me Ban Jate He
Pehle Dil Se Fir Zindgi Se Jud Jate He
Kehte Hai Us Daur Ko Dosti
Jisme Anjane Na Jane Kab Apne Ban Jate hai. ..
Dosti Shayari
Rishton ki dori kamzor hoti hai,
Aankhon ki baatein dil ki chor hoti hain,
Khuda ne jab bhi poocha dosti ka matlab,
Hamari ungli aapki aur hoti hai…
 Dosti Shayari
Kuch Log Jo Aankhon Mein Rhe Dil Mein Rhenge Ab,
Bas Jagaah Bdal Rhee Hai Koi Duri Nhi Hai,
Hum Aap Sey Mil Naa Sake Jab Dil Chahey Milna,
Faaslon K Bad Bhi Aisi Mazburi Nhi Hai…
Dosti Shayari
Jada gum jab se najare ho gaye,
Gardish me hamare sitare ho gaye,
Nibhayi hai kuch yaro ne dosti aisi,
Ki dushman bhi dost se pyare ho gaye.. :)
Dosti Shayari SMS
Jab se aapko jana hai,
Jab se aap sa dost paya hai,
Har dua me aap ka naam aaya hai,
Dil karata hai punchu us rab se ke,
Kya itna pyara dost sirf mere liye banaya hai….
Dosti Shayari
Aap se door ho kar hum jayenge kaha,
Aap jaisa dost hum payenge kaha,
Dil ko kaise bhi sambhal lenge,
Par aankho ke aansu hum chupayege kaha. ..
Dosti Shayari
Hum dosto ko jaan samjhate hai….
hum dosto ko humrah samjhate hai…
dost hame bewafa samjhe to kya huwa…
hum dosto ki parchaye banate hai…
Dosti Shayari
In ankho se sapne churaya na kero
humari dosti ko azmaya na kero,
tumhari ek hasi meri dil ki dhadkan hai
unhe yu na ansuo mein gavaya kero…
Dosti Shayari
Tanha rehna seekh liya hum ne,
Par khush kabhi na reh payenge,
Teri doori sehna seekh liya hum ne,
Par teri dosti ke bina jee na payenge…
Dosti Shayari
Dil tootna sazaa hai mohabbat ki,
dil jodna ada hai dosti ki.
Maange jo kurbani woh hai mohabbat,
jo bin maange ho jaye kurban wo hai dosti hamari…
Dosti Shayari
Ae dost kabhi mujhe bhula na dena….
is hanste hue chehre ko kabhi rula na dena…….
kabhi kisi baat per khafa ho bhi jao……
par mujhse door hokar mujhe judai ki saza na dena…..
Dosti Shayari
Bade ajeeb hain ye zindagi ke raaste,
anjane mod par kuchh log dost ban jate hain,
milne ki khushi de ya na de
bichhadne ka gam zarur de jate hain…
Dosti Shayari
Karni mujhe khuda se kuch fariyad baki hai.
Hame unse kehni kuch baat baki hai.
Maut aayegi to keh denge zara ruk,
Abhi mere dost se ek mulakat baki hai…
Friendship Shayari
Ek Gujarish Hai Mere Dost Tujhse,
Taumra Is Dosti Ko Nibhana,
Ho Kuch Dil Mein To Usse Kabhi Na Chupana,
Dukh Ho Ya Sukh Hamesha Mere Sath Chalna,
Bhatak Jaau Agar Mein Kabhi To Sahi Raah Dikhana…
Dosti
Chand adhura hai sitaro ke bina,
Gulshan adhura hai baharuon ke bina,
Samundar adhura hai kinaro ke bina,
Jeena adhura hai tum jaise yaaro ke bina….
Dosti Shayari
Kisi Ko Apni Khoobion Ka Ehsaas Nahin Hota,
Aap Jaisa Dostoon Ka Milna Itifaaq Nahin Hota,
Achha Kuch Kia HoGa Hum Ne,
Warna Aap Ho Sath Humaray Yeh Yaqeen Nahin Hota…

Love Shayari





Roz Ye Dil Beqarar Hota Hai
Kaash K Tum Samajh Sakte K
Chup Rehnay Walo Ko B Kisi Se
Piyar Hota Hai.....



Shayari on True Love
Parchaee Aapki Humare Dil Me Hai,
Yaade Aapki Humari Aankhon Me Hai.
Kaise Bhulaye Hum Aapko,
Pyar Aapka Humari Saanson Me Hai…
Love Shayari
Fiza Mein Mehakti Saam Ho Tum
Pyaar Mein Jhalakta Jaam Ho Tum
Sine Mein Chupaye Phirte Hain Hum Yaadein Tumhari
Isliye Meri Zindagi Ka Dusra Naam Ho Tum….
Heart Touching Love Shayari
Kuch sochun to tera khayal aa jaata hai,
Kuch bolun to tera naam aa jaata hai,
Kab tak chupaon dil ki baat,
Uski har ada par mujhe pyaar aa jaata hai …
 Love Shayari
Yaadien aksar hoti hain satane ke liye,
Koi rooth jaata hai phir maan jaane ke liye,
Rishte nibhana koi muskil to nahi,
Bas dilon me pyaar chahiye use nibhane ke liye…
Ishq Shayari
Tanhaiyon me muskurana ishq hai,
Ek baat ko sab se chupana ishq hai,
Yun to neend nahi aati hamein raat bhar,
Magar sote sote jagna aur jagte jagte sona ishq hai../
Love SMS in Hindi
Zindagi ek chahat ka silsila hai,
Koi mil gaya to koi bichad gaya,
Jise har pal maanga maine duaon mein,
Khuda se mujhe wo bina maange hi mil gaya…
Love Shayari
Tum hasti ho mujhe hasane ke liye,
Tum roti ho mujhe rulane ke liye,
Tum ek baar rooth ke to dekho,
Agar marna bhi pade to mar jaunga tumhare liye…
Love Shayari SMS
Pariyon se sunder hai mehbooba meri,
Paakar use khud par naaz karta hun,
Har hanam mein bas usi ka banna hai,
Ye elaan sareaam karta hun…
Love Shayari SMS
Hasna jamara kisi ko gawara nahi hota,
Har musafir zindagi ka sahara nahi hota,
Milte hain bahot insaan is tanha is zindagi mein,
Par har insaan tumhare jitna pyaara thodi na hota hai…
 Love Shayari
Naraaz Naa Ho Humse Hum Na Reh Payenge..,
Itna Bada Sadma Na Seh Payenge..,
Deti Hai Gum Zindagi Pal Pal humein ..,
Tune Diya To Jeene Se Pehle Hi Mar Jayenge…!
Romantic Shayari
Milta nahi hai pyaar aasani se zindagi me,
Mera nasib bhi kabhi khola tha khuda ne,
Par ab to dil mein Patjhad hi hain,
Fir bhi aisa lagta hai ki tum aaye tha zindagi me bahar banke…
Love Shayari
Dil Ko Hum Se Churaya AapNe,
Door Hote HuA Apna Banaya AapNe,
Kabhi Bhool Nahi Payenge Aap Ko,
Kyu Ki Yaad Rakhana Sikhaya AapNe….
Hindi Shayari
Tu Chand Aur Main Sitara Hota,
Aasmaan Mein Ek Aashiyana Humara Hota,
Log Tumhe Door Se Dekhte,
Nazdeeq Se Dekhne Ka Haq Bas Humara Hota..
Romantic Shayari in Hindi
Na jane wo kaun itna haseen hoga..
Aapke haath me jiska naseeb hoga..
Koi aapko chahe ye koi badi baat nahi..
Jisko aap chaho wo khushnaseeb hoga..
Shayari for Facebook
Haste dilo me gham bhi hai,
muskurati aankhe kabhi nam bhi hai,
dua karte hai aapki hansi kabhi na ruke,
kyunki apki muskurahat ke deewane hum bhi hai…
Bewafa Shayari
Tere Her Dukh Ko Apna Bana Lu,
Tere Har Ghum Ko Dil Se Laga Lu,
Mujhe Karni Aati Nahi Chori Warna,
Mai tere Aankho Se Har Aansu Chura Lu…
Lovely Shayari SMS
Gulab ki mehak bhi fiki lagti hai,
Kaun si khushbu mujme basa gayi ho tum,
Zindgi hai kya teri chehat ke siva,
Yeh keisa khawb aankho ko dikha gayi ho tum.
 Love Shayari
Mujhe Is Baat Ka Gum Nahi Ki…
Badal Gaya Zamana,
Meri Zindagi To Sirf Tum Ho,
Kahi Tum Na Badal Jana..
Love Shayari
Na jane wo kaun itna haseen hoga..
Aapke haath me jiska naseeb hoga..
Koi aapko chahe ye koi badi baat nahi..
Jisko aap chaho wo khushnaseeb hoga..
Love Shayari
Tum dil se hamein yon pukara na karo,
Yon tum hamein ishara na karo,
Door hain tumse ye majburi hai hamari,
Tum tanhaiyon mein yun tadpaya na karo…!!
 Love Shayari
Itna khoobsurat chehara hai tumhara
har dil diwana hai tumhara
log kehate hai chand ka tukda ho tum
lekin ham kehate hai chand tukda hai tumhara..
Love Shayari
Is Behte Dard Ko Mat Roko
Ye To Saza Hai Kisi Ke Intezaar Ki
Log Inhe Aansu Kahe Ya Deewangi
Par Ye To Nishani Hain Kisi Ke Pyar Ki…
Love Shayari
Teri Nigahon Ke Yoon Hi Kayal The Hum
Kya Jaroorat Thi Aajmane Ki
Yoon Hi Behosh Pade Hai Teri Rahon Main
Kya Jaroorat Thi Alag Se Muskurane Ki…
Pyaari Shayari
Mana ke dil hai ek magar pyaar bohot hai
jab pyaar horaha hai to inkaar bohot hai
her lamha saat rehne ko mein soch raha tha
wo keh rahi hai pyaar me itwar bohot hai…
Love Shayari
Pyar Na Dil Se Hota Hai,
Na Dimaag Se Hota Hai,
Yeh Pyar To Ittefaq Se Hota Hai,
Per Pyar Karke Pyar Hi Mile,
Ye Ittefaq Kisi Kisi Ke Sath Hota Hai…
 Love Shayari
Pyar Ghajal Hai GunGunane Ke Liye,
Pyar Nagma Hai Sunane Ke Liye,
Ye Vo Zajba Hai Jo Sabko Nahi Milta,
Kyoki Haunsla Chahiye Pyar Ko Nibhane Ke Liye…
Love Shayari
Jis waqt Rab ne tujhe banaya hoga,
Ek pyar sa uske dil mein bhi chaya hoga,
Pehle to usne soche hoga tujhe apne pass rakh lu,
Par phir use mera khyaal aaya hoga…!
Ishq Shayari
Ishq Aisa Karo Ki Dharkan Mein Bas Jaye,
Saans Bhi Lo To Khushboo Usi Ki Aye,
Pyaar Ka Nasha Aankhon Pe Cha Jaye,
Baat Kuch Bhi Na Ho Par Naam Usi Ka Aye…
Love Shayari
Pyaar Karna Tumne Sikhaya,
Pyaar Pe Yakeen Karna Tumne Sikhaya,
Sapne Sajana Tumne Sikhaya,
Bas Tumhare Bina Jeena Nahi Sikhaya…
 Love Shayari
Na Ruthna Humse Hum Mar Jayenge,
Dil Ki Duniya Tabaah Kr Jayenge,
Pyar Kiya He Humne Koi Mazak Nahi
Dil Ki Dhadkan Tere Naam Kr Jayenge…
Love Shayari
Rutthi Jo Zindgi To Mana Lenge Hum,
Mile Jo Gam Vo Seh Lenge Hum,
Bus Aap Rehna Humesha Sath Humare To
Nikalte Huye Aansuo Me Bhi Muskura Lenge Hum…
Pyar Shayari
Jab Kisi K Sapne Kisi K Armaan Ban Jaye
Jab Kisi Ki Hassi Kisi Ki Muskaan Ban Jaye
Pyar Kehte Hai Usse
Jab Kisi Ki Saanse Kisi Ki Jaan Ban Jaye…
 Love Shayari
Koi aankhon se baat kar leta he,
Koi aankhon se mulakaat kar leta he,
Bada mushkil hota he jawaab dena,
Jab koi khamosh rehkar sawaal kar leta he…
Shayari on Love
Meri Har Khata Pe Naraz Na Hona,
Apni Pyari Si Muskan Ko Kabhi Na Khona,
Sukun Milta Hai Apki Hasi Dekhkar
Mujhe Maut Bhi Aajaye Tab Bhi Mat Rona…