जब कुछ मिलता नही चर्चा मे बने रहने को |
मासूम से इश्क को फसाद बना देते है लोग ||
जिसको पाने में तमाम उम्र लग जाती है |
उसे पल भर में ही खाक बना देते है लोग ||
बेपनाह प्यार का दावा करते है जिससे|
गुजर जाने पे चंद लम्हों मे भुला देते है लोग ||
समझाती हूँ अक्सर अपने इस नादां दिल को |
मोहब्बत की आड में सब कुछ चुरा लेते है लोग||
तनहा रहना भी खटकता है जमाने के ठेकेदारों को |
और दामन थाम लो तो शोर मचा देते है लोग ||
सब कुछ लूट कर भी जब जी नही भरता |
पलकों में सजे ख्वाब तक जला देते है लोग||
मासूम से इश्क को फसाद बना देते है लोग ||
जिसको पाने में तमाम उम्र लग जाती है |
उसे पल भर में ही खाक बना देते है लोग ||
बेपनाह प्यार का दावा करते है जिससे|
गुजर जाने पे चंद लम्हों मे भुला देते है लोग ||
समझाती हूँ अक्सर अपने इस नादां दिल को |
मोहब्बत की आड में सब कुछ चुरा लेते है लोग||
तनहा रहना भी खटकता है जमाने के ठेकेदारों को |
और दामन थाम लो तो शोर मचा देते है लोग ||
सब कुछ लूट कर भी जब जी नही भरता |
पलकों में सजे ख्वाब तक जला देते है लोग||
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