









परछाइयों से इस कदर हम आज डर गए |
दरिया में सफीने से हम खुद ही उतर गए ||
दरिया में सफीने से हम खुद ही उतर गए ||
कुछ और नहीं ज़ब्त की छतरी क़े सहारे |
अँधेरे थे तूफां में हम घर से निकल गए ||
अँधेरे थे तूफां में हम घर से निकल गए ||
जो वक़्त ने कही वो नसीहत की बात थी |
उतरे जो आसमान से फरिस्ते बदल गए ||
उतरे जो आसमान से फरिस्ते बदल गए ||
मौसम क़े उसूलों में भी बदलाव आ गए |
बेरंग बारिशों क़े महीने गुज़र गए ||
बेरंग बारिशों क़े महीने गुज़र गए ||
किस्मत ने हाथ देख कर आँखें तरेर लीं |
अरमान हिकारत क़े जहर पी क़े मर गए ||
अरमान हिकारत क़े जहर पी क़े मर गए ||
सीने में उस नादान की गोयाईयाँ तो हैं |
मासूम सा दिल था हम जिससे बिछड़ गए ||
मासूम सा दिल था हम जिससे बिछड़ गए ||
अफसाने सुनाते थे जो पाकीज़ा किनारे |
तूफां-ए-हवादिस से किनारे दहल गए ||
तूफां-ए-हवादिस से किनारे दहल गए ||
लगता है तेरे लफ्ज़ भी खामोश हो गए |
क्या अज़ाब क़े झोंके गुज़र गए ||
क्या अज़ाब क़े झोंके गुज़र गए ||
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